जम्मू-कश्मीर: इंटरनेशनल बॉर्डर पर बसने वाले किराएदार बीएसएफ के लिए बने मुसीबत, नोटिस जारी करने के बाद भी नहीं कोई एक्शन

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 22, 2024 04:03 PM2024-02-22T16:03:41+5:302024-02-22T16:03:46+5:30

जम्मू-कश्मीर: उन्होंने अपने आदेश में बीएसएफ की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस कार्य के लिए थाना प्रभारियों, तहसीलदारों, चौकीदारों और नंबरदारों को भी तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है ताकि अवांछित तत्वों को कोई कृत्य करने से पहले ही रोका जा सके।

Jammu and Kashmir Tenants living on the international border become a problem for BSF no action taken even after issuing notice. | जम्मू-कश्मीर: इंटरनेशनल बॉर्डर पर बसने वाले किराएदार बीएसएफ के लिए बने मुसीबत, नोटिस जारी करने के बाद भी नहीं कोई एक्शन

जम्मू-कश्मीर: इंटरनेशनल बॉर्डर पर बसने वाले किराएदार बीएसएफ के लिए बने मुसीबत, नोटिस जारी करने के बाद भी नहीं कोई एक्शन

श्रीनगर: यह हैरान कर देने वाली खबर हो सकती है कि जम्मू फ्रंटियर के सीमांत गांवों और क्षेत्रों में अनजान लोगों की आवाजाही, बसाहट और किराए पर रहने की घटनाएं सीमा सुरक्षा बल को आक्रांतित करने लगी हैं और ऐसे में वह नागरिक प्रशासन से चाहती है कि ऐसे लोगों की जल्द से पहचान की जाए। पर जिलायुक्त के ऐसे निर्देशों की पालना सालभर से नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि पूरे एक साल के बाद सांबा जिलायुक्त को इसके प्रति निर्देश तो निकाला गया है पर नतीजा शून्य ही है।

दरअसल पिछले एक साल से बीएसएफ के अधिकारी इस मुद्दे को कई बार संबधित अधिकारियों के समक्ष उठा चुके हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, अक्सर सीमांत किसान उन लोगों को इंटरनेशनल बार्डर की तारबंदी तक ले जाकर खतरा पैदा कर रहे हैं जिनके प्रति कहीं कोई जांच नहीं होती है और उनमें कई संदिग्ध भी लगते हैं। यही नहीं कई प्रवासियों ने अब उन किसानों के सीमावर्ती खेतों में ही झुग्गियां बना ली हैं जिनसे खेतों में फसलों की बुबाई और कटाई का काम किराए पर करवाया जा रहा है।

एक साल पूर्व 22 फरवरी के ही दिन सांबा के जिलायुक्त ने इस मामले में पहल करते हुए दस दिनों के अंदर उन सभी व्यक्तियों के प्रति जानकारियां देने के लिए कहा था जो या तो किराए पर रह रहे हैं या फिर जिन्होंने सीमावर्ती खेतों व गांवों में मकान बनाए हैं। खासकर प्रदेश के बाहर से आने व्यक्ति के लिए यह आदेश दिया गया था। एक साल बाद सांबा के नए जिलायुक्त को 4 जनवरी को फिर से ऐसा निर्देश पारित करना पड़ा क्योंकि किसी ने भी सरकारी आदेश की परवाह नहीं की।

सांबा की पूर्व जिलायुक्त अनुराधा गुप्ता के कार्यालय से जारी एक आदेश संख्या 06 आफ 2023 दिनांक 22 फरवरी 2023 और नए जिलायुक्त अभिषेक शर्मा के कार्यालय से जारी ताजा निर्देष संख्या 01 आफ 2024 दिनांक 4 जनवरी 2024 के बकौल, संबंधित थाना प्रभारियों को इस सबंध में जानकारियां नहीं देने वालों को धारा 144 के तहत हिरासत में लेने के लिए भी कहा है।

उन्होंने अपने आदेश में बीएसएफ की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस कार्य के लिए थाना प्रभारियों, तहसीलदारों, चौकीदारों और नंबरदारों को भी तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है ताकि अवांछित तत्वों को कोई कृत्य करने से पहले ही रोका जा सके।

फिलहाल इस आदेश को दो माह के लिए लागू किया गया है जबकि याद रखने तथ्य यह है कि सांबा के सीमांत इलाकों में बीएसएफ के आग्रह पर पहले ही तारबंदी के एक किमी के इलाके में रात्रि कर्फ्यू लागू किया जा चुका है।

Web Title: Jammu and Kashmir Tenants living on the international border become a problem for BSF no action taken even after issuing notice.

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