जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा को लेकर घाटी में सुरक्षा कड़ी, हाइब्रिड आतंकियों पर सेना की कड़ी नजर

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 15, 2023 10:57 AM2023-04-15T10:57:50+5:302023-04-15T11:00:08+5:30

एलओसी और सीमा पर घुसपैठ के प्रयासों को असफल किया जा रहा है और कश्मीर वादी में आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। ऐसे में आतंकियों पर उस पार से कुछ बड़ा करने का दबाव बना हुआ है।

Jammu and Kashmir Security tightened in valley regarding Amarnath Yatra army keeping a close watch on hybrid terrorists | जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा को लेकर घाटी में सुरक्षा कड़ी, हाइब्रिड आतंकियों पर सेना की कड़ी नजर

फाइल फोटो

Highlights दक्षिण कश्मीर में आतंकी हमले तेज होने की चेतावनी दी जा रही है।अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चिंता का कारण बनती जा रही है क्योंकि यह दक्षिण कश्मीर में ही संपन्न होती है।30 जून से आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने हजारों सैनिकों को दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में व्याप्क तलाशी अभियान आरंभ करने की तैयारी करने को कहा गया है।

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस का दावा है कि कश्मीर में मात्र 50 आतंकी बचे हुए हैं पर खुफिया अधिकारियों द्वारा आने वाले दिनों में दक्षिण कश्मीर में आतंकी हमले तेज होने की चेतावनी दी जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक, आतंकी चाहे संख्या में कम हो गए हैं पर हाइब्रिड आतंकी हजारों में हैं जिनसे ही मुख्य खतरा है। ऐसे में अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा चिंता का कारण बनती जा रही है क्योंकि यह दक्षिण कश्मीर में ही संपन्न होती है।

अतः इसे फूल प्रूफ बनाने को सेना भी पूरी तरह से मैदान में उतरने की तैयारी में है। उसका सारा जोर दक्षिण कश्मीर में होगा जहां अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालु आएंगें और चिंता की बात यह है कि कश्मीर में अधिकतर आतंकी हमलों, आतंकी गतिविधियों तथा पत्थरबाजों का गढ़ भी हमेशा दक्षिण कश्मीर ही रहा है।

रक्षा सूत्रों ने माना है कि 30 जून से आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने हजारों सैनिकों को दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में व्याप्क तलाशी अभियान आरंभ करने की तैयारी करने को कहा गया है।

इन अभियानों का लक्ष्य 'तलाश करो और मार डालो' ही होगा। अभी तक यही होता आया था कि सेना अमरनाथ यात्रा की शुरूआत से पहले आतंकियों को क्षेत्र से भगाने का अभियान छेड़ती थी लेकिन अब रणनीति को बदल दिया गया है।

अगर रक्षाधिकारियों की मानें तो दक्षिण कश्मीर समेत अन्य इलाकों में हर बार हुए आतंकी हमले आतंकियों की उस हताशा का परिणाम होता था जो सेना के 'तलाश करो और मार डालो' अभियान से उनमें फैलती थी। खबरों के मुताबिक, अमरनाथ गुफा के रास्तों पर सेना के जवानों की तैनाती का कार्य विपरीत मौसम के बावजूद इस बार जल्दी ही आरंभ हो जाएगा। और सेना तैनाती से पूर्व क्षेत्र को आतंकियों से मुक्त कर लेना चाहती है, चाहे वे संख्या में नगण्य ही माने जा रहे हैं।

वैसे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर सेना की तैनाती आधिकारिक तौर पर नहीं होगी। सेनाधिकारी कहते हैं कि उनके पास यात्रा के बाहरी इलाकों की सुरक्षा का भार हमेशा की तरह रहेगा पर सूत्रों के अनुसार, अन्य सुरक्षाबलों को इस बार भी खतरे को भांपते हुए सेना की कमान के तहत ही अमरनाथ यात्रा में कार्य करना होगा।

आधिकारिक तौर पर 75 हजार से अधिक अर्द्ध सैनिक बलों को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर तैनात किया जाएगा। इनमें सेना के जवानों की गिनती नहीं होगी और न ही प्रदेश पुलिस के जवानों की। सभी को अगर मिला लिया जाए तो अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की खातिर तैनात किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक रहेगी। इनकी तैनाती लखनपुर के प्रवेश द्वार से लेकर अमरनाथ गुफा तक के रास्तों पर होगी।

इतने जवानों की तैनाती के बाद भी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंता हमेशा प्रकट की जाती है। खासकर ताजा टारगेट किलिंग वाले हमलों के बाद। दरअसल पाकिस्तान और आतंकी बौखलाहट में हैं।

एलओसी और सीमा पर घुसपैठ के प्रयासों को असफल किया जा रहा है और कश्मीर वादी में आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। ऐसे में आतंकियों पर उस पार से कुछ बड़ा करने का दबाव बना हुआ है।

जबकि आतंकियों का साथ देने को अब पत्थरबाजों की फौज भी हाइब्रिड आतंकी बन उनके साथ हथियार उठा कर मैदान में है जिस कारण सुरक्षाबलों पर दोहरा भार आन पड़ा है।

Web Title: Jammu and Kashmir Security tightened in valley regarding Amarnath Yatra army keeping a close watch on hybrid terrorists

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