जम्मू-कश्मीर: विश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स है राष्ट्रीय रायफल्स, 29 साल में 15000 आतंकी किए ढेर

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 22, 2019 01:16 PM2019-10-22T13:16:29+5:302019-10-22T13:16:29+5:30

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जंग में राष्ट्रीय राइफल्स सबसे अहम भूमिका निभाती है। इसे भले ही अर्धसैनिक बल समझा जाता हो, लेकिन राष्ट्रीय राइफल्स, सेना का ही हिस्सा है और इसमें सेना के चुनिंदा जवान होते हैं, जो ऊंचाई वाले इलाकों में हर परिस्थिति में दुश्मन को ढेर करने में माहिर होते हैं।

Jammu and Kashmir: Rashtriya Rifles is the world's largest anti-terrorism force, 15000 terrorists killed in 29 years | जम्मू-कश्मीर: विश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स है राष्ट्रीय रायफल्स, 29 साल में 15000 आतंकी किए ढेर

यह फोर्स सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही तैनात है और इसके गठन की जरूरत 1990 में उसी समय महसूस हुई थी जब राज्य में पाकिस्तान समर्थक आतंकवाद ने पांव पसारे थे।

Highlightsविश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स राष्ट्रीय रायफल्स जम्मू कश्मीर में 29 सालों से सफलता के झंडे गाड़ रही है।पिछले 29 सालों में राष्ट्रीय रायफल्स ने 15000 आंतकियों को मार गिराया है।

विश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स अर्थात राष्ट्रीय रायफल्स जम्मू कश्मीर में 29 सालों से सफलता के झंडे गाड़ रही है। पिछले 29 सालों में राज्य में मारे गए कुल 25000 आतंकवादियों में से 15 हजार को अकेले राष्ट्रीय रायफल्स ने ही मार गिराया है। यही नहीं हजारों आतंकवादियों को उसने जिन्दा पकड़ा भी है।

यह सच है कि 12 सेक्टरों में बंटी हुई राष्ट्रीय रायफल्स विश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स है जिसके पास वर्तमान में एक लाख से अधिक जवान और आफिसर हैं। यह फोर्स सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही तैनात है और इसके गठन की जरूरत 1990 में उसी समय महसूस हुई थी जब राज्य में पाकिस्तान समर्थक आतंकवाद ने पांव पसारे थे।

इस सबसे बड़ी काउंटर इंसरजंसी फोर्स अर्थात राष्ट्रीय रायफल्स फोर्स सफलता के झंडे गाड़ने में कतई पीछे नहीं है। पिछले 29 सालों के दौरान इस फोर्स द्वारा प्राप्त की गई सफलताओं को गिनाते हुए अधिकारी बताते हैं कि जहां उसने आतंकवाद का खात्मा करने में अहम भूमिका निभाई है वहीं वह अब आप्रेशन सद्भावना के तहत लोगों का दिल जीतने के साथ ही उनकी भलाई के कार्य में लिप्त है।

जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जंग में राष्ट्रीय राइफल्स सबसे अहम भूमिका निभाती है। इसे भले ही अर्धसैनिक बल समझा जाता हो, लेकिन राष्ट्रीय राइफल्स, सेना का ही हिस्सा है और इसमें सेना के चुनिंदा जवान होते हैं, जो ऊंचाई वाले इलाकों में हर परिस्थिति में दुश्मन को ढेर करने में माहिर होते हैं। इन्हें बहुत कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। इसे दुनिया में आतंकवाद से लड़ने के लिए खासतौर पर गठित सबसे बड़ा बल माना जाता है। जानकारों के मुताबिक राष्ट्रीय राइफल्स का काम ‘थैंकलेस जाब’ की तरह है क्योंकि खबरों में इसका ज्यादा नाम ही नहीं लिया जाता, जबकि सीमापार से आने वाले आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने में यही अग्रणी रहता है।

राष्ट्रीय रायफल्स के अधिकारी बताते हैं कि अपने गठन से लेकर अभी तक की 29 सालों की अवधि के दौरान राष्ट्रीय रायफल्स ने राज्यभर में 15000 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है। राज्य में सक्रिय सभी सुरक्षाबलों द्वारा मार गिराए गए आतंकवादियों की संख्या का यह आधा है।

हालांकि इसी अवधि में राष्ट्रीय रायफल्स ने 8000 आतंकवादियों को हिरासत में भी लिया जबकि राज्य में होने वाले आतंकवादियों के आत्मसमर्पण में भी राष्ट्रीय रायफल्स फोर्स ने जो अहम भूमिका निभाई उसके चलते वह 1509 आतंकवादियों से हथियार डलवाने में कामयाब जरूर हुई है। सिर्फ आतंकवादियों को मारने, पकड़ने या फिर उनके आत्मसमर्पण करवाने में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय रायफल्स को जो अन्य कामयाबियां प्राप्त हुई हैं उनमें बरामद हथियारों तथा गोला-बारूद की बरामदगियां भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में अगर सभी प्रकार के पकड़े गए हथियारों की संख्या 22,475 थी तो 21685 किग्रा विस्फोटक भी बरामद किया गया। इसी प्रकार 9040 रेडियो सेट आतंकवादियों से बरामद हुए तो 18 लाख से अधिक राउंड गोलियों के सिर्फ राष्ट्रीय रायफल्स ने ही बरामद किए।

इसका गठन 1990 में विशेष तौर पर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से लड़ाई के लिए जनरल एसएफ रोड्रिग्ज ने किया था और जनरल बीसी जोशी के मार्गदर्शन में यह आतंक निरोधक गतिविधियों के लिए पूरी तरह से तैयार हुई। जम्मू कश्मीर में आतंकियों से जंग में तकरीबन 95,000 की क्षमता वाले इस बल की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।

उत्तर-पूर्व की असम राइफल्स की ही तर्ज पर गठित राष्ट्रीय राइफल्स इतने साल के अनुभव के बाद अब जम्मू कश्मीर के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है। पाकिस्तान से भरपूर हथियार और उच्चस्तरीय प्रशिक्षण लेकर आने वाले आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने में राष्ट्रीय राइफल्स का कोई सानी नहीं है। स्थानीय लोगों के साथ बेहतर संबंधों के कारण राष्ट्रीय रायफल्स का खुफिया नेटवर्क भी खासा मजबूत है।

राष्ट्रीय रायफल्स के गठन से पहले एक ऐसे अर्धसैनिक बल की भी कल्पना की गई थी जिसमें पूर्व सैनिकों के अलावा विभिन्न अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के जवान हों। यह कल्पना साकार न हो सकी और जब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के चलते हालात बिगड़ते ही चले गए तो सेना प्रमुख एसएफ रोड्रिग्ज ने सेना के ही जवानों के साथ राष्ट्रीय रायफल्स के गठन का फैसला किया।

आज 65 बटालियन (लगभग सात डिवीजन) वाली राष्ट्रीय रायफल्स आतंकियों के साथ जंग के अलावा एलओसी की निगरानी के लिए भी तैयार दिखती है। राष्ट्रीय रायफल्स का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि सेना मुख्यालय में इसका अपना एक अलग निदेशालय है। इसके दो सीआई फोर्स मुख्यालय कश्मीर घाटी और तीन पीरपंजाल के दक्षिण में स्थित हैं। राष्ट्रीय रायफल्स के लोगो पर लिखा ‘दृढ़ता और वीरता’ अपने आप में काफी-कुछ कह जाता है।

यह भी चौंकाने वाली बात है कि राष्ट्रीय रायफल्स देश की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स होने के साथ ही इतनी कम अवधि में कई पुरस्कार पाने वाली एकमात्र फोर्स भी बन गई है। हालांकि राष्ट्रीय रायफल्स के वरिष्ठ अधिकारी इस अवधि में शहादत पाने वाले जवानों की संख्या का खुलासा तो नहीं करते लेकिन इतना खुलासा जरूर करते हैं कि राष्ट्रीय रायफल्स ने 29 सालों में 6 अशोक चक्र, दो परम विशिष्ट सेवा मेडल, 34 कीर्ति चक्र, 20 अति विशिष्ट सेवा मेडल, 221 शौर्य चक्र, 732 गैलेंटरी सेना मेडल, 47 विशिष्ट सेवा मेडल तथा 32 यूनिट प्रशंसा पत्र अर्जित किए हैं।

और अब राष्ट्रीय रायफल्स आतंकवादियांें को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाने के साथ ही लोगों के दिलों को जीतने की मुहिम में सबसे आगे है। राज्य में आप्रेशन सद्भावना के तहत जितने भी कार्य किए जा रहे हैं उन सभी का श्रेय राष्ट्रीय रायफल्स के जवानों व अधिकारियों को ही जाता है तो भारतीय सेना के विभिन्न अंगों से चुन कर आए हैं।

Web Title: Jammu and Kashmir: Rashtriya Rifles is the world's largest anti-terrorism force, 15000 terrorists killed in 29 years

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