LAC पर पैंगांग झीलः गोलीबारी के बाद लद्दाख में 40-50 सैनिक आमने-सामने, तनाव के बीच हमले को तैयार
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 8, 2020 04:50 PM2020-09-08T16:50:59+5:302020-09-08T16:51:20+5:30
सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आए हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक दोनों ओर से आमने-सामने आए।
जम्मूः लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर पैंगांग झील के किनारे दोनों सेनाओं द्वारा एक-दूसरे पर गोलियां चलाए जाने के आरोप-प्रत्यारोप के उपरांत माहौल जबरदस्त तनातनी वाला हो गया है।
हालात यह हैं कि एक दूसरे के आमने सामने आ डटीं फौजें एक-दूसरे पर हमले को तैयार बैठी हैं। नतीजतन लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आए हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक दोनों ओर से आमने-सामने आए।
इस इलाके में भारतीय सेना के जवानों का कब्जा है, लेकिन चीनी सेना के 40-50 सैनिक इनके सामने आ गए। चीन की ओर से कोशिश की गई कि भारतीय जवानों को हटाया जाए और उस रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए। भरतीय सेना के दावानुसार चीनी सेना इसमें सफल नहीं हो पाई।
चीन की ओर से लद्दाख सीमा में घुसपैठ की कोशिश की गई थी
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की शाम को चीन की ओर से लद्दाख सीमा में घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जब भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो पीएलए के जवानों ने फायरिंग की। हवाई फायरिंग कर भारतीय सेना को डराने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने संयम बरता और चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
याद रहे 30 अगस्त की घटना के बाद से ही चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसे नाकामी मिली है। हर बार अपनी नाकाम कोशिश के बाद चीन की ओर से भारतीय सेना पर ही घुसपैठ का आरोप लगाया जाता है। सोमवार की घटना के बाद भी चीनी विदेश मंत्रालय, चीनी सेना और चीनी मीडिया ने भारत पर घुसपैठ का आरोप लगाया और फायरिंग की बात कही।
भारतीय सेना ने अपने बयान में चीन के इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया
लेकिन भारतीय सेना ने अपने बयान में चीन के इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया। भारत ने मंगलवार को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों पर हवा में फायरिंग कर भारतीय सेना के सैनिकों को धमकाने का आरोप लगाया है। यह घटना सोमवार को पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी तट के करीब शेनपाओ पर्वत के पास हुई।
इसे लेकर मंगलवार को भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि चीन सीमा पर लगातार उकसाने वाली गतिविधियां करके तनाव बढ़ा रहा है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने ही भारतीय सैनिकों को डराने-धमकाने का प्रयास करते हुए हवा में कुछ राउंड फायरिंग किए थे।
भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि किसी भी स्तर पर भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की है और ना ही उसने गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल किया है। सेना ने कहा है कि यह चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ही है जो सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर चर्चा जारी होने के बाद भी औपचारिक रूप से समझौतों का उल्लंघन कर रही है।
पीएलए के सैनिकों ने ही एलएसी पर हमारे सैनिकों के पास आने की कोशिश की
आक्रामक गतिविधियां कर रही है। कर्नल अमन ने कहा कि 7 सितंबर, 2020 के तत्काल मामले में पीएलए के सैनिकों ने ही एलएसी पर हमारे सैनिकों के पास आने की कोशिश की और जब उन्हें रोका तो पीएलए के सैनिकों ने हवा में कुछ राउंड फायर कर अपने ही सैनिकों को डराने की कोशिश की। हालांकि, गंभीर उकसावे के बावजूद भारतीय सैनिकों ने संयम से काम लेते हुए परिपक्व और जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया।
बयान में यह भी कहा गया है कि भारतीय सेना शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, हालांकि, यह हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी दृढ़ है। वेस्टर्न थिएटर कमांड का बयान उनके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को गुमराह करने का एक प्रयास है।
वहीं चीनी पीपुल्स लिबरेशन के वेस्टर्न थिएटर कमांड के कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में कहा कि भारतीय सेना ने चीनी सीमा के गश्ती दल के सैनिकों को धमकी देने के लिए फायरिंग की, जिसने चीनी सीमा रक्षकों को जमीन पर अपनी स्थिति स्थिर रखने के लिए जवाबी कार्रवाई करने पर मजबूर किया।