एलओसी पर गोलीबारीः पहले छह महीनों में 2500 बार गोले दागे पाक सेना ने, दिन में 14 बार गोलों की बरसात

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 21, 2020 05:06 PM2020-07-21T17:06:46+5:302020-07-21T17:06:46+5:30

सरकार न खुद माना है कि इस साल पहले 6 महीनों में पाक सेना ने प्रतिदिन 14 बार गोलों की बरसात की है जबकि वर्ष 2019 में पाक सेना ने औसतन एक दिन में 10 बार गोलों की बरसात की है। जबकि 2018 में प्रतिदिन 8 बार गोलियां बरसाई गईं। बावजूद इसके इस स्थिति को सीजफायर का ही नाम दिया जा रहा है।

Jammu and Kashmir Pakistan violated ceasefire LOC firing Pak army fired 2500 times in first six months | एलओसी पर गोलीबारीः पहले छह महीनों में 2500 बार गोले दागे पाक सेना ने, दिन में 14 बार गोलों की बरसात

आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने पिछले साल हर दिन सीमा और एलओसी पर 10 बार गोलाबारी की जो इस साल भी जारी है। (file photo)

Highlightsसीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं। यह गोलाबारी कितनी है आंकड़े आपको हैरान कर देंगे।सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाक सेना ने पिछले साल रिकार्ड तोड़ करीब 3586 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस बार पहले 6 महीनों में 2500 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 61 लोग मारे गए हैं, एक हजार से ज्यादा घायल हुए।

जम्मूः  कहने को तो पाकिस्तान से सटे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बार्डर और एलओसी पर पिछले 16 सालों से दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच सीजफायर है पर अब हर दिन सीमाओं पर होने वाली गोलों और गोलियों की बरसात अब सीजफायर का मजाक उड़ाने लगी हैं।

यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं। यह गोलाबारी कितनी है आंकड़े आपको हैरान कर देंगे।

सरकार न खुद माना है कि इस साल पहले 6 महीनों में पाक सेना ने प्रतिदिन 14 बार गोलों की बरसात की है जबकि वर्ष 2019 में पाक सेना ने औसतन एक दिन में 10 बार गोलों की बरसात की है। जबकि 2018 में प्रतिदिन 8 बार गोलियां बरसाई गईं। बावजूद इसके इस स्थिति को सीजफायर का ही नाम दिया जा रहा है।

पाक सेना ने पिछले साल रिकार्ड तोड़ करीब 3586 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया

सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाक सेना ने पिछले साल रिकार्ड तोड़ करीब 3586 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस बार पहले 6 महीनों में 2500 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 61 लोग मारे गए हैं, एक हजार से ज्यादा घायल हुए।

आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने पिछले साल हर दिन सीमा और एलओसी पर 10 बार गोलाबारी की जो इस साल भी जारी है। इस साल अभी तक मरने वालों की संख्या 14 है और 88 घायल हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने इस बार जम्मू के राजौरी-पुंछ क्षेत्र में ज्यादा गोलाबारी की, अन्यथा उसका ध्यान उत्तरी कश्मीर में ही ज्यादा रहता आया है।

यहां हर दूसरे दिन जंगबंदी का उल्लंघन होता रहा है। इन इलाकों में भारतीय नागरिक बस्तियां सीधे पाकिस्तानी फायरिंग रेंज में आती हैं। इसके अलावा उड़ी के रामपुर और गुलमर्ग सबसेक्टर में पाकिस्तानी सेना कुछ जगहों पर ऐसी जगहों पर बैठी है, जहां उसे जवाबी कार्रवाई में ज्यादा नुकसान कम होने की संभावना रहती है। इस दौरान कुपवाड़ा, गुरेज, नौगाम, करनाह में घुसपैठ का प्रयास ज्यादा रहता है और बीते एक माह के दौरान यही अनुभव किया गया है।

 450 बार पाक ने एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन हुआ

मार्च माह में ही सबसे अधिक 450 बार पाक ने एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन हुआ। अप्रैल में भी कमोबेश यही स्थिति रही। आशंका जताई जा रही है कि एक-दो माह में घुसपैठ की कोशिशेें और पाकिस्तानी सेना के बैट दस्ते के हमले भी बढ़ सकते हैं हालांकि सुरक्षाबल हर स्थिति के लिए चौकस हैं।

कश्मीर में तैनात ब्रिगेडियर रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान को उसके हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। बीते दिनों भारत की जवाबी कार्रवाई में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। छह से सात लांङ्क्षचग पैड उसे दोबारा तैयार करने पड़े।

उसे बीते दो माह के दौरान अपनी चार बड़ी चौकियों को नए सिरे से बनाना पड़ा। कर्नल व मेजर रैंक के उसके कम से कम चार अधिकारी व एक दर्जन के करीब सिपाही मारे जा चुके हैं। सैन्य कमांडरों के अनुसार पाकिस्तान और आइएसआइ की मंशा को भांपते हुए घुसपैठियों को मार गिराने के लिए प्रभावी चक्रव्यूह तैयार किया है।

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