हाई अलर्ट पर जम्मू कश्मीर, पठानकोट-जम्मू हाईवे है निशाने पर, रेल पटरी पर हमले का खतरा
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 12, 2024 10:46 IST2024-06-12T10:44:58+5:302024-06-12T10:46:02+5:30
जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर इसलिए रखा गया है क्योंकि बताया जा रहा है कुछ आतंकी उस पार से कठुआ-पठानकोट से सटे बार्डर से घुसने में कामयाब हुए हैं जो फिदायीन हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
जम्मू:जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर इसलिए रखा गया है क्योंकि बताया जा रहा है कुछ आतंकी उस पार से कठुआ-पठानकोट से सटे बार्डर से घुसने में कामयाब हुए हैं जो फिदायीन हमलों को अंजाम दे सकते हैं। अधिकारियों के बकौल, उनके निशाने पर जम्मू-पठानकोट हाईवे पर स्थित सैनिक संस्थानों के साथ ही इंटरनेशनल बार्डर के साथ-साथ गुजरने वाली रेल लाइन भी है।
बीएसएफ के बाद सेनाधिकारियों ने भी ऐसी आशंका को प्रकट किया है। हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि हीरानगर हमले में शामिल कुछ आतंकी भागने में कामयाब हुए हैं जो किसी भी समय कहर बरपा सकते हैं।
अधिकारी यह बताने में असमर्थता जाहिर करते थे कि घुसने वाले आतंकी कितनी तादाद में हैं पर वे कहते थे कि कुछ दल एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर क्रास करने में उस समय कामयाब रहे जब पाक सेना ने उन्हें इस ओर धकेला है। पिछले कई दिनों से एलओसी पर पाक सेना द्वारा ड्रोनों की आड़ में सुरक्षाबलों का ध्यान बंटा कर ऐसे प्रयासों को कामयाब बनाया गया है।
हालांकि जम्मू सीमा पर फिलहाल फायरिंग की कोई घटना नहीं हुई है पर बरसात के कारण उन नदी-नालों के इलाकों से तारबंदी को पहुंचे नुक्सान का लाभ आतंकियों ने उठाया है जिन्हें पाक रेंजर पिछले कई दिनों से अग्रिम ठिकानों पर ले आए थे। बीएसएफ अधिकारियों का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से ही इंटरनेशनल बार्डर के पार वाले पाक सैन्य ठिकानों पर नागरिकों की आवाजाही बढ़ी थी जो दरअसल आतंकी ही हैं।
अधिकारी कहते थे कि मिलने वाली सूचनाएं कहती हैं कि घुसने वाले आतंकी जम्मू में जम्मू-पठानकोट हाइवे पर सैन्य संस्थानों के अतिरिक्त इंटरनेशन बार्डर के साथ-साथ चलने वाली जम्मू-पठानकोट रेल लाइन को निशाना बना सकते हैं। जबकि कश्मीर में भी घुसपैठ कर चुके आतंकी सैन्य संस्थानों को निशाना बनाने का इरादा लिए हुए हैं।
अधिकारी दावा करते थे कि हमलों को रोकने की खातिर हाईवे पर गश्त को बढ़ाया गया है तथा नाके स्थापित किए जा रहे हैं जबकि रेल लाइन की सुरक्षा की खातिर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जा रहा है।
जानकारी के लिए अतीत में ऐसे ही दावों के बीच आतंकी कई बार हमलों को अंजाम देकर बीसियों मासूमों को मौत के घाट उतारने में कामयाब रहे हैं। एक अधिकारी के बकौल, हीरानगर हमले में शामिल आतंकियों के कुद और ही इरादे थे पर उन्हें वहीं ढेर कर दिया गया।