जम्मू कश्मीर: पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मियों सहित 28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी आयकर विभाग की जांच के दायरे में

By भाषा | Published: June 4, 2023 04:23 PM2023-06-04T16:23:19+5:302023-06-04T16:25:50+5:30

यह कथित धोखाधड़ी वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के दौरान हुई थी। वहीं, पिछले वित्तीय वर्ष में भी इसी तरह की गड़बड़ी के बाद विभाग ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और 404 अन्य लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा में दो आपराधिक मामले दर्ज कराये थे।

Jammu and Kashmir More than 28,000 government employees under the scanner Income Tax Department | जम्मू कश्मीर: पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मियों सहित 28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी आयकर विभाग की जांच के दायरे में

जम्मू कश्मीर के 28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी आयकर विभाग की जांच के दायरे में

Highlightsआयकर विभाग की जांच के दायरे में जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारी28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने फर्जी आयकर रिटर्न का दावा कियाइन कर्मचारियों में 8,000 पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मी भी शामिल

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में कार्यरत 28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी आयकर विभाग की जांच के दायरे में हैं। इन कर्मचारियों ने करोड़ों रुपये के फर्जी आयकर रिटर्न (आईटीआर) का कथित तौर पर दावा किया था। आधिकारिक सूत्रों ने इस मामले की जानकारी दी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन कर्मचारियों में 8,000 पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मी भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक यह कथित धोखाधड़ी वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के दौरान हुई थी। वहीं, पिछले वित्तीय वर्ष में भी इसी तरह की गड़बड़ी के बाद विभाग ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और 404 अन्य लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा में दो आपराधिक मामले दर्ज कराये थे।

पता चला है कि कथित अनियमितताएं कुछ समय पहले तब सामने आईं जब श्रीनगर में 'स्रोत पर कर कटौती' (टीडीएस) विभाग ने पाया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कई लोगों ने विभिन्न मदों के तहत "अत्यधिक और अपात्र कटौती" का दावा किया था। विभाग ने पाया कि इनमें से कई लोगों ने गलत आईटीआर दाखिल की थी और रिफंड के रूप में लगभग चार लाख रुपये का दावा किया था।

सूत्रों ने बताया कि विभाग ने 25 मई को दर्ज की गई दो प्राथमिकियों के परिणामस्वरूप पुलिस के साथ इन 405 लोगों के नाम, पते, पैन और बैंक खातों को साझा किया। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली बताकर इस्तेमाल करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 डी (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। 

इस मामले को लेकर आयकर विभाग गंभीर है। 28 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों का गलत तरीके से आयकर रिटर्न का दावा करने को विभाग बड़ा मामला मान रहा है। आयकर विभाग ने मामले की जांच शुरू भी कर दी है। ये भी जानने की कोशिश की जा रही है कि सभी लोगों ने खुद ही ऐसा फर्जी दावा किया है या इनमें आपस में कोई तालमेल भी है।

Web Title: Jammu and Kashmir More than 28,000 government employees under the scanner Income Tax Department

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