जम्मू-कश्मीर: सेना ने अवंतीपोरा में एनकाउंटर में मार गिराए 2 आतंकी, ऑपरेशन जारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 25, 2020 05:55 PM2020-01-25T17:55:36+5:302020-01-25T17:55:36+5:30
सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराए। इसके साथ ही कई आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। सेना का क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।
जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में सेना को बड़ी सफलता मिली है। सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराए। इसके साथ ही कई आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। सेना का क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।
इससे पहले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने सुबह दक्षिण कश्मीर जिले के त्राल में हरि-पारी इलाके में घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि जब सुरक्षाबल इलाके में तलाश अभियान चला रहे थे तभी आतंकवादियों ने उन पर गोली चला दी जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि अंतिम खबर मिलने तक मुठभेड़ चल रही है।
Kashmir Zone Police on Awantipora encounter: In the exchange of fire two terrorists have been killed. Operation is in progress. https://t.co/3uDPdiIMJv
— ANI (@ANI) January 25, 2020
बता दें कि पुलवामा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में मारे गए आतंकवादी की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के तौर पर हुई थीं, जो प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन से जुड़ा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी थीं। उन्होंने बताया कि यह आतंकवादी आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर में ‘‘अबु सैफुल्ला’’ और ‘‘अबु कासिम’’ के नाम से सक्रिय था।
अधिकारी ने कहा कि मारा गया आतंकवादी दो आम नागरिकों के अपहरण और हत्या का आरोपी था। साथ ही वह विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) एवं गैर स्थानीय मजदूरों को घाटी से बाहर जाने के लिए धमकाने के मामले में भी वांछित था। उन्होंने बताया कि वह जुलाई 2013 में कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए जेईएम के स्वयंभू प्रमुख पाकिस्तानी कमांडर कारी यासिर का करीबी सहयोगी था।
अबु सैफुल्ला मंगलवार सुबह पुलवामा के अवंतिपुरा इलाके में जैंत्राग गांव में तलाश एवं घेराबंदी अभियान के दौरान अपने स्थानीय सहयोगी के साथ घिर गया था। अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह अभियान चलाया गया था और वहां छिपे आतंकवादियों के संयुक्त तलाश दल पर गोली चलाने के कारण यह गोलीबारी में बदल गया।
संयुक्त दल में 50 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ की 185 बटालियन शामिल थी। आतंकवादियों की भीषण गोलीबारी के कारण राष्ट्रीय राइफल के सिपाही राहुल रांसवाल और स्थानीय पुलिस के एसपीओ शाहबाज अहमद गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया लेकिन दोनों वहां दम तोड़ दिया।