जम्मू-कश्मीर: अब आतंकियों के निशाने पर सेब के व्यापारी और ढोने वाले ट्रक, जानिए क्या है वजह 

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 17, 2019 12:59 PM2019-10-17T12:59:28+5:302019-10-17T12:59:28+5:30

तीन दिनों में आतंकियों ने सेब से जुड़े एक व्यापारी और एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर और कुछ बागों में फसलों को नष्ट कर कश्मीरियों को डराने व दहशतजदा करने की कोशिश की है।

Jammu and Kashmir: apple merchants and trucks carrying targets on terrorists, know what is the reason | जम्मू-कश्मीर: अब आतंकियों के निशाने पर सेब के व्यापारी और ढोने वाले ट्रक, जानिए क्या है वजह 

Jammu and Kashmir: apple merchants and trucks carrying targets on terrorists, know what is the reason

Highlightsपहले जब आतंकी सिर्फ पोस्टरों से कश्मीरियों को इसके प्रति चेतावनी दे रहे थे तो कश्मीरियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था।कश्मीर से निकल कर दिल्ली की मंडी तक पहुंचने वाले सेबों के वाहनों की संख्या इस बार 350-400 से कम होकर दो सौ रहने की आशंका है।

जो फसल कश्मीरियों को प्रतिवर्ष 1200 से 1500 करोड़ की आमदनी देती है वह अब आतंकियों के निशाने पर है। पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद से ही हताश आतंकियों ने कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने की जो कोशिशें आरंभ की उनके निशाने पर सेब की फसल, सेब को खरीदने वाले व्यापारी, सेब को उगाने वाले किसान और सेबों को ढोने वाले ट्रक व उनके चालक निशाने पर आ गए।

तीन दिनों में आतंकियों ने सेब से जुड़े एक व्यापारी और एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर और कुछ बागों में फसलों को नष्ट कर कश्मीरियों को डराने व दहशतजदा करने की कोशिश की है। इसी कोशिश में एक प्रवासी श्रमिक को भी मार डाला गया क्योंकि अभी भी कश्मीर में बचे हुए 2 हजार के करीब प्रवासी श्रमिक सेब के बागों में कश्मीरियों की मदद कर रहे हैं।

पहले जब आतंकी सिर्फ पोस्टरों से कश्मीरियों को इसके प्रति चेतावनी दे रहे थे तो कश्मीरियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था। वे आखिर ध्यान देते भी कैसे क्योंकि करीब डेढ़ हजार करोड़ की आमदनी देने वाली फसल को वे यूं ही बर्बाद नहीं होने देना चाहते थे। वैसे इस चेतावनी का असर भी दिखा था। कश्मीर से निकल कर दिल्ली की मंडी तक पहुंचने वाले सेबों के वाहनों की संख्या इस बार 350-400 से कम होकर दो सौ रहने की आशंका है।

यूं तो प्रशासन ने दावा किया था कि वे सभी ट्रकों को सुरक्षा प्रदान करेंगें पर राजस्थान का ट्रक ड्राइवर शरीफ खान खुशकिस्मत नहीं था जिसके ट्रक पर हमला करने वाले आतंकियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था। सेब की फसल से जुड़े अन्य लोगों पर भी आतंकी कहर बरपना रूका नहीं था। यही कारण था कि देर रात आतंकियों ने पुलवामा में पंजाब से आए दो सेब व्यापारियों पर गोलियां बरसाईं तो एक चरणजीत सिंह की मौत हो गई और दूसरा संजीव जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहा है।

नतीजतन स्थिति यह है कि कश्मीरी परेशान हो उठे हैं। कश्मीर में पैदा होने वाली अन्य फसलों में सेब की फसल ही ऐसी है जो उन्हें हमेशा मालामाल करती आई है। लेकिन इस पर अब आतंकियों की नजर इसलिए है क्योंकि वे कश्मीरियों को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ भड़का पाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।

दरअसल पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीरी भारत विरोधी प्रर्दशनों मंें जम कर हिस्सा ले और इसके लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। यह दबाव आतंकी धमकियों और चेतावनियों के माध्यम से बनाया जा रहा है। इसमें अब सेब की फसल को शामिल कर लिए जाने के कारण कश्मीरियों मंें गुस्सा भी है। यह सच है कि इससे पहले कभी आतंकियों ने सेब के व्यापार को अपने संघर्ष का हिस्सा नहीं बनाया था। लेकिन अब कश्मीर से भेजे जाने वाले सेबों पर आजादी समर्थक तथा भारत विरोधी नारे लिख कर भी भिजवाए जा रहे हैं जो जम्मू के लोगों की भवनााएं भड़काने का काम कर रहे हैं।
 

Web Title: Jammu and Kashmir: apple merchants and trucks carrying targets on terrorists, know what is the reason

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे