जम्मू: सुरक्षा के पोख्ता दावों के बीच साल के पहले 3 हफ्ते में हुए 3 खतरनाक हमले, सुरक्षाबलों के दबाव के चलते आतंकी अब कर रहे है दक्षिण का रुख
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 22, 2023 02:42 PM2023-01-22T14:42:03+5:302023-01-22T14:54:20+5:30
गौरतलब है कि जम्मू में ताजा आतंकी हमला दोहरे बम विस्फोटों के साथ उस समय हुआ जब पूरे प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा और गणतंत्र दिवस समारोह के उपलक्ष्य में हाई अलर्ट मोड में सुरक्षाबल चप्पे चप्पे को छान रहे थे। कल नरवाल इलाके में होने वाले विस्फोट कोई पहले नहीं थी पर इतना जरूर था कि पहली बार कुछ मिनटों के अंतराल के बाद हुए दो विस्फोटों ने सुरक्षाबलों ने चौंका दिया है।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
जम्मू: साल के पहले तीन हफ्तों में जम्मू संभाग तीन खतरनाक हमलों से दहल चुका है। इन हमलों में सात लोग जान भी गंवा चुके हैं और दर्जनभर जख्मी हैं। इसके बावजूद दावा यही किया जा रहा है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है।
एक के बाद एक विस्फोट ने सुरक्षाबलों को भी चौंका दिया है
आपको बता दें कि जम्मू में ताजा आतंकी हमला दोहरे बम विस्फोटों के साथ उस समय हुआ जब पूरे प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा और गणतंत्र दिवस समारोह के उपलक्ष्य में हाई अलर्ट मोड में सुरक्षाबल चप्पे चप्पे को छान रहे थे। कल नरवाल इलाके में होने वाले विस्फोट कोई पहले नहीं थी पर इतना जरूर था कि पहली बार कुछ मिनटों के अंतराल के बाद हुए दो विस्फोटों ने सुरक्षाबलों ने चौंका दिया है।
आतंकियों के स्लीपर सेल का हो सकता है यह काम- सूत्र
हालांकि 24 घंटे बीत जाने के उपरांत भी सुरक्षाधिकारी यह पता नहीं लगा पाए हैं कि धमाके कैसे हुए थे पर सूत्र इतना जरूर दावा करते थे कि नरवाल में आतंकियों के स्लीपर सेल बहुत बड़ी संख्या में सक्रिय हैं यह उनका काम हो सकता है। जानकारी के लिए नरवाल से सटे बठिंडी इलाके से पहले भी कई बार आतंकी व उनके कई सहयोगी पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में नरवाल के दूसरी ओर सटे रेलवे स्टेशन पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है इससे कोई इंकार नहीं कर रहा है।
सुरक्षाबलों के दबाव के चलते आतंकी अब कर रहे है दक्षिण का रूख
वैसे सुरक्षाधिकारी दबे स्वर में स्वीकार करते थे कि जम्मू संभाग अब आतंकी निशाने पर है क्योंकि कश्मीर में सुरक्षाबलों के दबाव के चलते आतंकी अब दक्षिण का रूख कर रहे हैं। राजौरी के डांगरी में हुए दोहरे आतंकी हमले तथा कुछ दिन पहले नरवाल से 10 किमी दूर सिद्दड़ा पुल पर मारे गए चार आतंकियो के मामलों को ये अधिकारी इसी के साथ जोड़ कर देखते थे।