अयोध्या विवाद फैसला: जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगा पुनर्विचार याचिका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 2, 2019 01:06 PM2019-12-02T13:06:34+5:302019-12-02T13:08:34+5:30

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद पर निशाना साधा है.

Jamiat Ulema-e-Hind to file review petition in the Ayodhya land dispute case in Supreme Court today. | अयोध्या विवाद फैसला: जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगा पुनर्विचार याचिका

फाइल फोटो

Highlightsअयोध्या फैसले पर पुनर्विचार की मांग करना दोहरा मानदंड : श्री श्री रविशंकरअयोध्या पर टकराव का माहौल बनाने की कोशिश में पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत: नकवी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ सोमवार की दोपहर पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। मुस्लिमों के इस प्रमुख संगठन के सूत्रों ने यह जानकारी दी। जमीयत की कार्यकारी समिति ने 14 नवंबर को पांच सदस्यों का एक पैनल गठित किया था जिसमें कानूनी विशेषज्ञ और धार्मिक मामलों के विद्वानों को शामिल किया गया था।

इस समिति का गठन उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के फैसले के प्रत्येक पहलु को देखने के लिए किया गया था। जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी की अगुवाई में इस पैनल ने शीर्ष अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका की संभावनाओं को देखा और सिफारिश की इस मामले में समीक्षा याचिका दायर की जानी चाहिए।

अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार की मांग करना दोहरा मानदंड : श्री श्री रविशंकर

अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसले को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने “दोहरा मानदंड” करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को आगे बढ़ना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्य रहे आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि मामला काफी पहले सुलझा लिया गया होता, अगर एक पक्ष विवादित जगह पर मस्जिद बनाने पर न अड़ा रहता।

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका की बात करने वाले लोग ''बिखराव और टकराव का माहौल'' पैदा करने की कोशिश में हैं लेकिन समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या का मुद्दा अब खत्म हो गया है और इसे अब उलझाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए क्योंकि देश की शीर्ष अदालत ने सर्वसम्मति के फैसले में इस मामले को हल कर दिया है।

Web Title: Jamiat Ulema-e-Hind to file review petition in the Ayodhya land dispute case in Supreme Court today.

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