जलियांवाला बाग नरसंहार: क्रांतिकारी उधम सिंह, जिसने 21 साल बाद लंदन जाकर लिया बदला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 13, 2019 09:27 AM2019-04-13T09:27:22+5:302019-04-13T09:27:22+5:30

उधम सिंह का असली नाम शेर सिंह था और जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम कस्बे में हुआ था।

Jallianwala Bagh Massacre Udham Singh took revenge after 21 years | जलियांवाला बाग नरसंहार: क्रांतिकारी उधम सिंह, जिसने 21 साल बाद लंदन जाकर लिया बदला

उधम सिंह (फाइल फोटो)

देश की आजादी के इतिहास में 13 अप्रैल का दिन सबसे दुखद घटनाओं में से एक है। वह वर्ष 1919 का 13 अप्रैल का दिन था, जब जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा के लिए जमा हुए हजारों भारतीयों पर अंग्रेज हुक्मरान ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। अंग्रेज शासन ने इस घटना में 379 लोगों के मरने की बात कही थी। हालांकि, अपुष्ट रिपोर्ट् के मुताबिक मरने वालों की संख्या 1000 के करीब रही। बाद में इस घटना का बदला क्रांतिकारी उधम सिंह ने लिया।

कौन थे उधम सिंह

उधम सिंह का असली नाम शेर सिंह था और जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम कस्बे में हुआ था। उनके पिता रेलवे में गेट मैन का काम करते थे। बचपन में ही माता-पिता की मत्यु के बाद अमृतसर के एक अनाथालय में उनकी परवरिश हुई। 13 अप्रैल 1919 को उधम सिंह जलियावाला बाग में सभा में आये लोगों को पानी पिलाने की ड्यूटी दे रहे थे। 

उन्होंने अपनी आंखों से निहत्थे लोगों का कत्लेआम होते देखा था। तभी से मन बनाया था कि वह इसका बदला जरूर लेंगे। मार्च 1940 में उधम सिंह का सपना साकार होने का था- लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ डायर को मारना उनका मकसद था। केक्स्टेन हाल में कार्यक्रम चल रहा था। उधम सिंह ने अपनी रिवॉल्वर को एक किताब में छुपाया और उस हॉल में दाखिल हुए। 

कार्यक्रम की समाप्ति पर जैसे ही माइकल ओ डायर खड़े हुए, उन पर रिवॉल्वर से गोलियां दाघी। इसके बाद उन्होंने भागने की कोशिश नहीं की और अपने को पुलिस के हवाले कर दिया। उन पर मुकदमा चला जिसमें उधम सिंह ने कहा कि मैंने 21 साल पहले इस अग्रेंज को मारने का प्रण लिया था और मैं इसमें सफल हुआ, मैं अपने देश के लिए मरने को तैयार हूं। 

उन्हें की फांसी सजा सुनाई गई और 31 जुलाई 1940 को उधम सिंह को पेनतोविल्ले जेल में फांसी दी गई। सिंह द्वारा इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर, डायरी, एक चाकू, दागी गई गोलियां अब भी ब्लैक संग्राहलय, न्यू स्कॉटलैंड यार्ड लंदन में रखी हुई हैं। इस तरह सेंट्रल खालसा ओर्फनेज, अमृतसर में भी एक कमरे में उधम सिंह से जुड़ी यादगार वस्तुओं को रखा गया है। एक अनाथालय और एक सेकेंड्री स्कूल भी चलता है जिसे उधम सिंह का नाम दिया गया है।

Web Title: Jallianwala Bagh Massacre Udham Singh took revenge after 21 years

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