जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सचिन पायल ने कसा मोदी पर तंज, कहा- सोशल मीडिया पर फोटोज डालने से देश नहीं चलता 

By अनुभा जैन | Published: January 24, 2019 07:12 PM2019-01-24T19:12:43+5:302019-01-24T19:12:43+5:30

सचिन ने युवाओं को रोजगार देने के लिये सरकार द्वारा स्किल डिवलेपमेंट कोर्सेज चलाने और कॉलेजिस में प्लेस्मेंट कंपनीज द्वारा करने जैसी बातों पर बल दिया। उन्होने कहा कि आज लोगों के सोच में परिवर्तन आउट ऑफ बॉक्स सोचने की जरूरत है।

jaipur literature festival kicked off and sachin pilot attacks on narendra modi | जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सचिन पायल ने कसा मोदी पर तंज, कहा- सोशल मीडिया पर फोटोज डालने से देश नहीं चलता 

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में सचिन पायल ने कसा मोदी पर तंज, कहा- सोशल मीडिया पर फोटोज डालने से देश नहीं चलता 

राजस्थान की राजधानी यानी गुलाबी नगरी जयपुर में गुरुवार से 12वे लिटेरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) का आगाज हो गया है। जेएलएफ का आगाज श्रुति विश्वनाथ के क्लासिकल संगीत के साथ हुआ। फेस्टिवल का उद्घाटन राज्य मंत्री बुलाकीदास कल्ला ने किया। 

इस अवसर पर बोलते हुये कल्ला ने कहा कि आज के युवा पीढ़ी को संस्कार देने की जरूरत है। इस तरह के होने वाले लिटरेचर फेस्टिवल के जरिये युवा पीढ़ी एक अच्छे भविष्य के लिये तैयार होगी। उन्होने कहा कि युवाओं को जागना होगा और अपने लक्ष्य प्राप्ति तक बिना थके चलते रहना होगा, तभी वे एक अच्छा कल बना सकेंगे। इसी क्रम में डेमोक्रेसी फ्रीडम और पॉलिटिकल प्रोसेस के सेशन में पत्रकार श्रीनिवास से राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बेबाकी से राजनीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। 

सचिन ने युवाओं को रोजगार देने के लिये सरकार द्वारा स्किल डिवलेपमेंट कोर्सेज चलाने और कॉलेजिस में प्लेस्मेंट कंपनीज द्वारा करने जैसी बातों पर बल दिया। उन्होने कहा कि आज लोगों के सोच में परिवर्तन आउट ऑफ बॉक्स सोचने की जरूरत है। गहलोत और पायलट की जोड़ी के बारे में सवाल पूछे जाने पर सचिन ने कहा कि हम युवा और अनुभव की जोड़ी के रूप में पहचाने जा रहे हैं और यह कोशिश करेंगे कि लोगों को अपने पांच वर्ष में सुशासन दे सके। 

बीजेपी पर तंज कसते हुये पायलट ने कहा कि अधिक से अधिक विदेश यात्रायें कर, अपनी मन की बात कह या सोशल मीडिया पर फोटोज डालने से देश नहीं चल सकता बल्कि एक अच्छे ब्यूरोक्रेटिक सेट अप और योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन से देश का विकास हो सकता है। राजीव गांधी के शासन में कंप्यूटर्स सबसे पहले इस देश में आए। राजस्थान के विकास के लिये पक्ष या विपक्ष सरकार या विरोधी पार्टी सभी के साथ की जरूरत है और लोगों से अधिकाधिक जुड़ाव की जरूरत है।
 
सचिन ने कहा कि आज युवाओं का समय है और मैंने जो बातें अपनी सीनियर्स से सीखी वो मैं आने वाली पीढ़ी को देना चाहूंगा। इसी कड़ी में युवा होने के नाते गहलोत की जगह पायलट को राजस्थान का सीएम बनने जैसे प्रश्न के जवाब में पायलट ने कहा कि मुझे सरकार बनाने का काम दिया था यह नहीं कहा था कि मुझे क्या पद दिया जायेगा। इसलिये मैं अपने पद से खुश हूं और पार्टी व राजस्थान को आगे बढ़ाने के लिये समर्पित हूं। 

एक अन्य सेशन में शशि थरूर ने मिहिर स्वरूप शर्मा से बात करते हुये अपने राजनीति में आने, किताबें लिखने जैसे जीवन से जुड़े प्रश्नों पर खुलकर चर्चा की। मेरे बोले अंग्रेजी के शब्दों और लंबे उत्तरों का लोगों द्वारा गलत अर्थ निकालने से मुझे काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। जैसे सबरीमाला मंदिर पर महिलाओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के वर्डिकट को मैने स्वागत किया पर मेरे वक्तव्य से लोग कुछ आहत हुए। 

थरूर ने कहा कि यह एक ऐसा निर्णय था जो महिला पुरुषों के समानता की बात करता था, पर सबरीमाला जैसे पवित्र स्थल के साथ लोगों के आस्था व कुछ मिथ भी जुड़े है। जिन्हें नकारा नहीं जा सकता। यहां भी भाजपा ने राजनीतिकरण कर एक अलग अंदाज में अपनी प्रतिक्रया सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन व वाहनों को नुकसान पहुंचाने आदि के रूप में दी। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का राजनीति में होना युवा पीढ़ी के लिये एक अनुपम उदाहरण है। क्योंकि युवाओं द्वारा आज भी राजनीति में शामिल होना एक अच्छी पसंद नहीं माना जाता है। 

वहीं, प्रसिध्द कवि, लेखक व निर्देशक गुलजार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी पुत्री मेघना गुलजार की पुस्तक ‘विकास वी आर- ए पोटरेट ऑफ माय फादर’ सेशन में शांतनू रे चौधरी से बात करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी आगे आ रही है। युवा जब आगे आकर कमान संभालते हैं और हम बुजुर्ग उनको फोलो करते हैं तो मुझे बेहद खुशी होती है। हमेशा से शिक्षा का महत्व है। आप जैसे वातावरण एक बच्चे को देते हो वो उसी रूप में ढलता है।
 
सेशन में मेघना गुलजार ने अपनी पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह किताब मेरी पिता को समर्पित है। मेरी पिता एक इमोशनल और सेटिमेंटल व्यक्तित्व के इंसान हैं जिन्होने कभी मुझे मेरी मां की कमी नहीं  खलने दी। उन्होने मां व बाप दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभाया। मुझे मेरी सीमाओं को ना भूलते हुये खुले अंदाज में जीना सिखाया। गुलजार ने कहा कि हर इंसान में कहीं ना कहीं उसके पिता का अक्स होता ही है।

मेघना ने आगे कहा कि अगर मां बाप का विश्वास मिले तो बच्चा बेहद सुरक्षित अनुभव करता है। अंत में मेघना ने अपनी पुस्तक की कविता की कुछ पंक्तियां कह अपनी बात खत्म की। मेघना ने कहा- मेरे पिता की स्याही मुझमें है- मुझे पता है मैं हूं तो मेरे पिता से हूं। 

Web Title: jaipur literature festival kicked off and sachin pilot attacks on narendra modi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे