कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाने वाले जेल उपाधीक्षक मरणोपरांत पुरस्कृत

By भाषा | Updated: December 9, 2020 21:19 IST2020-12-09T21:19:33+5:302020-12-09T21:19:33+5:30

Jail Deputy Superintendent, who played an important role in the war against Corona virus, awarded posthumously | कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाने वाले जेल उपाधीक्षक मरणोपरांत पुरस्कृत

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाने वाले जेल उपाधीक्षक मरणोपरांत पुरस्कृत

फरीदाबाद, नौ दिसंबर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ते हुए जान गंवाने वाले, मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा जेल उपाधीक्षक राजकुमार त्रिपाठी को इस साल मरणोपरांत 'तिनका-तिनका' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

'तिनका-तिनका फाउंडेशन' की ओर से बुधवार को हरियाणा की फरीदाबाद जेल से वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आयोजित छठे वार्षिक पुरस्कार समारोह में इस बार चित्रकारी, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासक समेत तीन श्रेणियों में पुरस्कार दिये गए।

फाउंडेशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस साल चित्रकारी की श्रेणी का प्रथम पुरस्कार दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद नरेन्द्र नाथ सरकार (42) ने जीता। इस श्रेणी में सात कैदियों को पुरस्कार गया है। सरकार जेल में आने से पहले बी.एस.एफ में कार्यरत थे।

वहीं, विशेष प्रतिभा की श्रेणी में 6 बंदियों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस श्रेणी का प्रथम पुरस्कार पिछले 11 साल से गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद 37 वर्षीय चिराग किशोरभाई राणा के नाम रहा।

राणा ने जेल में रहते हुए 35 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह फिलहाल बंदियों को अवसाद जैसी बीमारी से उबारने के लिए मदद कर रहे हैं। राणा जेल के मनोविज्ञान प्रकोष्ठ का संचालन कर रहे हैं।

इस साल 4 जेल अधिकारियों व कर्मचारियों को जेल प्रशासक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें, मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा जेल के उपाधीक्षक दिवंगत राजकुमार त्रिपाठी (56), महाराष्ट्र की यरवडा जेल के महानिदेशक योगेश दत्तात्रेय देसाई (50), हरियाणा की फरीदाबाद ज़िला जेल के हेड वॉर्डर शमशेर सिंह (47) शामिल हैं।

मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा जेल में उपाधीक्षक के पद पर तैनात 57 वर्षीय राजकुमार त्रिपाठी ड्यूटी के दौरान कोविड-19 की चपेट में आ गए थे लेकिन इसके बावजूद अंतिम समय तक वह जेल में अपनी सेवाएं देते रहे। इलाज के दौरान त्रिपाठी का निधन हो गया। त्रिपाठी को मरणोपरांत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी और बेटे ने पुरस्कार ग्रहण किया।

इस वर्ष कुल 300 नामांकन आए, जिनमें से 33 नामांकन महिलाओं ने किये।

तिनका-तिनका फाउंडेशन हर साल मानवाधिकार दिवस के मौके पर कैदियों और जेल अधिकारियों को पुरस्कारों से सम्मानित करता है। दुनियाभर में हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

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Web Title: Jail Deputy Superintendent, who played an important role in the war against Corona virus, awarded posthumously

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