विशाखापट्टनम गैस लीक: मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुई, जगन सरकार देगी मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा
By निखिल वर्मा | Published: May 7, 2020 03:27 PM2020-05-07T15:27:28+5:302020-05-07T15:49:24+5:30
Vizag Gas Leak: केंद्र सरकार कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रसायन संयंत्र में गैस रिसाव होने से 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1000 अन्य प्रभावित हुए हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने विशाखापत्तनम में गैस रिसाव की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये बतौर राहत देने की घोषणा की है। इसके अलावा घायलों को नकद सहायता प्रदान किया जाएगा। विशाखापट्टनम के पास गोपालपत्तनम के तहत आने वाले वेंकेटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के संयंत्र से स्टीरिन गैस के रिसाव कारण अब तक 11 लोगों की मौत हुई है। 246 लोग अस्पताल में भर्ती है जिनमें 20 लोग वेंटिलेटर पर हैं। जगन सरकार ने वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग से जूझ रहे लोगों को 10-10 लाख रुपये सहायता देने का ऐलान किया है।
An ex-gratia of Rs 1 crore each to be given to the families of the deceased in the #VizagGasLeakage incident. Ex gratia of Rs 10 lakhs to be given to those on ventilator: Andhra Pradesh Chief Minister YS Jaganmohan Reddy pic.twitter.com/KgtxGiPdbD
— ANI (@ANI) May 7, 2020
इस जानलेवा गैस ने पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इस त्रासदी में सैकड़ों लोगों को सांस लेने में दिक्कत और दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मृतकों में आठ साल का एक बच्चा भी शामिल है जबकि प्रभावित लोगों को निकालने के लिए गए कई पुलिसकर्मी भी इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, प्रभावित गांव से भागने के दौरान दो लोग एक बोरवेल में गिर पड़े जिससे उनकी मौत हो गई।
सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
राज्य के आईटी एवं उद्योग मंत्री एम गौतम रेड्डी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा कि विशाखापत्तनम में उद्योग विभाग में महाप्रबंधक के कार्यालय में एक हेल्पडेस्क बनाया गया है। उन्होंने कहा कि लोग उप निदेशक एस प्रसाद राव से उनके मोबाइल नंबर 7997952301 और 891923934 पर संपर्क कर सकते हैं तथा एक अन्य अधिकारी आर ब्रह्म से मोबाइल नंबर 9701197069 पर संपर्क कर सकते हैं।
दिल दहला देने वाला मंजर
गैस रिसाव के बाद प्रभावित लोग ऑटो और दो पहिया गाड़ियों पर अपने इलाज के लिए दौड़े जबकि सरकारी कर्मियों ने जो भी संभव हुआ, वो प्राथमिक उपचार उन्हें देने की कोशिश की। लोग सड़क किनारे और नालों के पास बेहोश पड़े हुए थे, जो स्थिति की गंभीरता को बयान करता है। वही सरकार का कहना है कि रिसाव को नियंत्रित करना पहली प्राथमिकता है।
प्लांट दोबारा चलाने के दौरान हुआ हादसा
गुरुवार तड़के स्टीरिन गैस का रिसाव तब हुआ जब संयंत्र के कुछ मजदूर इकाई को फिर से खोलने की तैयारी कर रहे थे। राज्य के औद्योगिक मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने बताया कि एलजी पॉलिमर्स इकाई को लॉकडाउन के बाद आज खुलना था। गैस रिसाव का नतीजा सैड़कों ग्रामीणों, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं, को भुगतना पड़ा। उन्हें आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मिचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने जैसी परेशानियां हुईं। 100 से ज्यादा लोगों को सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित
विशाखापट्टनम जिले के संयुक्त कलेक्टर वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा कि आर आर वेंकेटपुरम गांव के सभी लोगों को वहां से निकाल के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। बचाव अभियान के लिए गए कई पुलिस कर्मियों को भी सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन जैसे लक्षण हुए और वे बेहोश हो गए। सूत्रों ने बताया कि संयंत्र के 20 कर्मी सुरक्षा प्रोटोकॉल से अच्छी तरह वाकिफ थे और उन्होंने उचित कदम उठाए थे जिस वजह से वे प्रभावित नहीं हुए। स्टीरिन गैस ने आसपास के गांवों में फैल गया और सोते हुए लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।