जम्मू कश्मीर:बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्याय था तो जाकिर मूसा कश्मीर की गलियों का बन चुका था नारा

By सुरेश डुग्गर | Published: May 24, 2019 04:47 PM2019-05-24T16:47:14+5:302019-05-24T16:47:14+5:30

जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना, सीआरपीएफ सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में जाकिर मूसा का नाम सबसे ऊपर था। सभी खुफिया एजेंसियों की मूसा पर नजर थी। यहां तक कि दिल्ली में बैठी खुफिया एजेंसियों ने भी मूसा पर नजर रखी हुई थी।

J & K: Burhan Wani was the poster of Hizbul Mujahideen, Zakir Musa had made the streets of Kashmir slogan | जम्मू कश्मीर:बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्याय था तो जाकिर मूसा कश्मीर की गलियों का बन चुका था नारा

जम्मू कश्मीर:बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्याय था तो जाकिर मूसा कश्मीर की गलियों का बन चुका था नारा

Highlightsजाकिर मूसा ने हिजबुल का दामन छोड़कर अपना संगठन गजवा तुल हिंद बना लिया था।जब 2016 में सुरक्षाबलों ने हिजबुल के पोस्टर ब्याज बुरहान वानी को मार गिराया तो उससे पहले मूसा भी बुरहान के साथ था।

छह सालों से जो आतंकी कमांडर जाकिर मूसा कश्मीर की गलियों में नारे के रूप में जिन्दा था उसकी मौत के बाद भी अधिकारियों की चिंता इसलिए खत्म नहीं हो पा रही है क्योंकि अगर बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का पोस्टर ब्याय था तो जाकिर मूसा कश्मीर की गलियों का नारा बन चुका था जिससे शायद ही कश्मीर को मुक्ति मिल पाए।

कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले एसएसपी इम्तियाज हुसैन मीर के मुताबिक, जाकिर मूसा ने कश्मीर में आतंकी हिंसा का रुख मोड़ दिया। वह मारा गया है, लेकिन उसने जो बीज बोया है, वह बहुत खतरनाक है। अगर हम बुरहान को आतंकियों का पोस्टर ब्वाय कहें तो जाकिर मूसा को एक नारा कहा जाएगा। वह दिन ब दिन खतरनाक साबित होते जा रहा था। गली-मोहल्लों में बिजली-पानी के लिए होने वाले प्रदर्शनों में भी लोग उसके नाम की नारेबाजी कर रहे थे। वह एक किवदंती बनता जा रहा था, जो अब समाप्त हो गई।

जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना, सीआरपीएफ सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में जाकिर मूसा का नाम सबसे ऊपर था। सभी खुफिया एजेंसियों की मूसा पर नजर थी। यहां तक कि दिल्ली में बैठी खुफिया एजेंसियों ने भी मूसा पर नजर रखी हुई थी।

यह वही जाकिर मूसा है जिसके नाम के आतंकियों के जनाजे में मूसा मूसा जाकिर मूसा नाम के नारे लगाए जाते थे। जब भी कोई आतंकी मारा जाता था तो मूसा को वहां अकसर देखा जाता था। जाकिर मूसा इंजीनियरिंग का छात्र था। 29 साल के मूसा ने बीटेक की पढ़ाई की हुई थी। मूसा भी आतंकी बुरहान वानी के गांव पुलवामा के त्राल का रहने वाला था। 2013 में इसने हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ थामा था। जब 2016 में सुरक्षाबलों ने हिजबुल के पोस्टर ब्याज बुरहान वानी को मार गिराया तो उससे पहले मूसा भी बुरहान के साथ था। इसके मारे जाने के बाद मूसा ने हिजबुल से किनारा कर लिया।

जाकिर मूसा ने हिजबुल का दामन छोड़कर अपना संगठन गजवा तुल हिंद बना लिया था। मूसा चाहता था कि उसकी पहचान सिर्फ कश्मीर तक ही न हो इसीलिए मूसा ने पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान फोर्स और बब्बर खालसा के आतंकियों से भी संपर्क बनाए। वह अलकायदा और आईएस के आतंकियों के संपर्क में था। वह पंजाब जैसे शहरों में भी रह कर आया।
 

Web Title: J & K: Burhan Wani was the poster of Hizbul Mujahideen, Zakir Musa had made the streets of Kashmir slogan

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे