लद्दाख सीमा तक पहुंचना हो जाएगा आसान, जेड मोड़ टनल का निर्माण समय पहले हो सकता है पूरा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 2, 2022 04:17 PM2022-09-02T16:17:00+5:302022-09-02T16:19:56+5:30
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण करीब 6.5 किमी लंबी जेड-मोड़ सुरंग पर तेजी से काम हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस टनल के बनने से कश्मीर व लद्दाख के बीच साल भर संपर्क सुनिश्चित करना आसान हो जाएगा।
जम्मू: पर्यटन और सामरिक नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण करीब 6.5 किमी लंबी जेड-मोड़ सुरंग पर काम जिस तेजी से चल रहा है, उससे उम्मीद की जा रही है कि टनल निर्माण का कार्य निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। यह टनल भारतीय सेना के एक रणनीतिक परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत कश्मीर व लद्दाख के बीच साल भर संपर्क सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कामयाबी मिलेगी।
इस टनल पर जिस गति से कार्य चल रहा है उससे यही उम्मीद लगाई जा रही है कि जुलाई 2023 के निर्धारित समय से पहले ही यह लद्दाख सीमा तक पहुंच को आसान बना देगी। इस संबंध में टनल का काम करने वाली कंपनियों नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर-लेह हाईवे पर गगनार इलाके के पास बन रही जेड-मोड़ टनल प्रोजेक्ट पर काम बेहद तेजी से चल रहा है।
यह सुरंग कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सोनमर्ग के साथ हर मौसम में संपर्क स्थापित को सुनिश्चित करेगी, जो आमतौर पर भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण सर्दियों में बंद रहता है। पत्रकारों से बात करते हुए एनएचआईडीसीएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक वीके पाण्डेय ने कहा कि जेड-मोड़ सुरंग पर काम तेज गति से चल रहा है और अगले साल जुलाई में ही इसका कार्य पूरा हो जाएगा जबकि इसकी निर्धारित तिथि तक दिसंबर 2023 तय की गई है।
उन्होंने कहा कि अप्रोच रोड के निर्माण और लाइनिंग, लाइटिंग, फिनिशिंग और वेंटिलेशन जैसे आंतरिक कार्य सहित केवल 30 से 40 फीसदी काम ही लम्बित हैं। जबकि एप्को इंफ्राटेक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस प्रसाद ने बताया कि जल्द ही सुरंग का काम पूरा होने के बाद इसे संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
प्रसाद ने कहा कि 6.5 किमी लंबी जेड-मोड़ सुरंग सोनमर्ग को 5 किमी संपर्क सड़क के साथ जोड़ेगी। ष्यह एक बाय डेरेक्शनल सुरंग के साथ-साथ किसी भी घटना के लिए बचाने वाली सुरंग है। यह सुरंग केंद्र द्वारा घोषित रू 2379 करोड़ रुपये की परियोजना का एक बड़ा हिस्सा है।
तत्कालीन मुख्य कार्यकारी एजेंसी आईएल एंड एफएस द्वारा वित्तीय समस्याओं के चलते इस काम को छोड़ दिया था, जिस कारण 2017 और 2019 के बीच जेड-मोड़ सुरंग पर काम दो साल के लिए रुका हुआ था। फिर केंद्र सरकार को परियोजना के लिए दूसरी बार 24 जून 2019 को बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) वार्षिकी आधार पर बोलियां आमंत्रित करनी पड़ीं। बाद में सरकार ने महत्वपूर्ण -जेड मोड़ सुरंग को एपको अमरनाथजी टनलवे प्राइवेट लिमिटेड के हवाले कर दिया।