"बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कांग्रेस का अयोध्या निमंत्रण ठुकराना", भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना साधा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 11, 2024 01:32 PM2024-01-11T13:32:41+5:302024-01-11T13:37:54+5:30
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस द्वारा अयोध्या निमंत्रण ठुकराने की कड़ी आलोचना करते हुए उसे दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार दिया है।
नई दिल्ली: राम मंदिर उद्घाटन को बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम करार देते हुए कांग्रेस ने 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा ने कांग्रेस द्वारा अयोध्या निमंत्रण ठुकराने को दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक करार दिया है।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने घोषणा की कि वह अयोध्या राम मंदिर के लिए आयोजित किए जा रहे उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। इसके साथ ही कांग्रेस ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वो राम मंदिर समारोह का "राजनीतिकरण" कर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरे देश के लिए खुशी की बात है।
उन्होंने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि कांग्रेस ने हमेशा राम जन्मभूमि आंदोलन का विरोध किया। कांग्रेस पार्टी ने देश पर शासन किया था लेकिन आज वह कहां सिमट गई है? भविष्य के चुनावों में भी उसका सफाया हो जाएगा। वो कह रही है कि यह संघ का कार्यक्रम है? यह संघ का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का कार्यक्रम है। पूरी दुनिया इसका इंतजार कर रही है।''
वहीं बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर चीज का बहिष्कार करती है, चाहे वह राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो या पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भारत रत्न समारोह हो।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया। उसने 2004 से 2009 तक कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। डब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार का नेतृत्व वाली सरकार ने मई 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण किया तो कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान नहीं दिया। यहां तक कि कांग्रेस ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का बहिष्कार किया था।"