प्रशासन का फैसला है, मैं बीच में नहीं पड़ना चाहता : जलियांवाला बाग की मरम्मत पर सुजीत सरकार ने कहा
By भाषा | Updated: September 30, 2021 20:44 IST2021-09-30T20:44:39+5:302021-09-30T20:44:39+5:30

प्रशासन का फैसला है, मैं बीच में नहीं पड़ना चाहता : जलियांवाला बाग की मरम्मत पर सुजीत सरकार ने कहा
मुंबई, 30 सितंबर निर्देशक सुजीत सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी फिल्म ‘सरदार उधम’ 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार पर आधारित है। निर्देशक ने साथ ही कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल के ‘‘सौंदर्यीकरण’’ पर उन्हें कुछ नहीं कहना।
सुजीत सरकार ने जलियांवाला बाग नरसंहार को भारत के औपनिवेशिक इतिहास की बर्बर घटना करार दिया जिसे ‘‘कभी भुलाया नहीं जा सकता।’’
मरम्मत के बाद जालियांवाला बाग स्मारक परिसर का पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्धाटन किया।
13 अप्रैल, 1919 को ब्रिगेडियर जनरल रेगिनाल्ड डायर के नेतृत्व वाली ब्रिटिश फौज ने जालियांवाला बाग में हो रही बड़ी और शांतिपूर्ण सभा पर अंधाधुंध गोलियां बरसायीं जिसमें 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए। इस पूरी घटना से लोगों को अवगत कराने के लिए लाइट-एंड-साउंड शो शुरू किया गया है।
सोशल मीडिया पर कुछलोग परिसर के सौंदर्यीकरण से नाराज हैं और इसे घटना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति असंवेदनशीलता करार दिया।
‘सरदार उधम’ के ट्रेलर लांच के दौरान सरकार से पूछा गया था कि वह सरकार के इस फैसले के बारे में क्या सोचते हैं।
निर्देशक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जालियांवाला बाग की घटना में मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण तथ्य वह है जो हमने अभी ट्रेलर में देखा या फिर घटना के बारे में जो ‘सरदार उधम’ कहते है कि हमें इसे नहीं भुलाना चाहिए और दुनिया को भी इसे नहीं भुलना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप सौंदर्यीकरण के बारे में पूछ रहे हैं, यह मेरे हाथ में नहीं है। मेरे हाथ में सिर्फ मेरी अभिव्यक्ति है और वह है मेरा सिनेमा, और मैं उसे अपनी फिल्म में उसे व्यक्त करता हूं।’’
‘सरदार उधम’ स्वतंत्रता सेनानी उधम सिंह का बायोपिक है, जिन्होंने 1919 जालियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए 1940 में ब्रिटेन शासित पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गर्वनर माइकल ओ’डायर की हत्या कर दी थी।
यह फिल्म 18 अक्टूबर को आमेजन प्राइम पर रिलीज होने वाली है।
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