स्थानीय भाषा में शिक्षा देने वाले मेडिकल कॉलेज, संस्थान स्थापित करना मेरा सपना: मोदी

By भाषा | Updated: February 7, 2021 16:44 IST2021-02-07T16:44:50+5:302021-02-07T16:44:50+5:30

It is my dream to set up medical colleges and institutions that teach local languages: Modi | स्थानीय भाषा में शिक्षा देने वाले मेडिकल कॉलेज, संस्थान स्थापित करना मेरा सपना: मोदी

स्थानीय भाषा में शिक्षा देने वाले मेडिकल कॉलेज, संस्थान स्थापित करना मेरा सपना: मोदी

ढेकियाजुली (असम), सात फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम दौरे के दौरान दावा किया कि भारतीय चाय को ‘‘बदनाम’’ करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई है।

राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच एक पखवाड़े में दूसरा दौरा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर राज्य में स्थानीय भाषा में शिक्षा मुहैया कराने वाला कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और एक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करना उनका सपना है।

मोदी ने दो मेडिकल कॉलेज की नींव रखने और राज्य राजमार्ग के उन्नयन के लिए ‘असम माला’ योजना शुरू करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गांवों एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हर राज्य में स्थानीय भाषा में शिक्षा मुहैया कराने वाला कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और एक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करना मेरा सपना है।’’

उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद असम में इस प्रकार के संस्थान स्थापित करने का वादा किया।

मोदी ने कहा कि इससे दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सेवाओं में सुधार होगा, क्योंकि अधिक से अधिक चिकित्सक अपनी मातृ भाषा में लोगों से बात कर पाएंगे और उनकी समस्याएं समझ पाएंगे।

विश्वनाथ और चराइदेव जिलों में दो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाए जाएंगे। विश्वनाथ में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अनुमानित लागत 565 करोड़ रुपये होगी तथा चराइदेव में इस पर 557 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें प्रत्येक में 100 सीटें होंगी।

उन्होंने दावा किया कि असम ने पिछले पांच साल में अभूतपूर्व विकास किया है और इस दौरान यहां स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है।

मोदी ने कहा कि राज्य में 2016 तक केवल छह मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन मात्र पांच साल में छह और कॉलेज खोले गए। मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 725 से बढ़कर 1,600 हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 8,210 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘असम माला’ योजना नए अवसर पैदा करेगी। इस योजना के तहत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) राज्य राजमार्गों का उन्नयन करेगा।

मोदी ने कहा कि उन्होंने चाय बागान कर्मियों की स्थिति को हमेशा असम के विकास से जोड़ा है।

उन्होंने विस्तार से जानकारी दिए बिना कहा, ‘‘लेकिन ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं, जिनमें भारतीय चाय को बदनाम करने के लिए देश के बाहर षड्यंत्र रचे जाने की बात का खुलासा हुआ है। मुझे भरोसा है कि असम के चाय बागान कर्मी इन ताकतों को करारा जवाब देगा।’’

प्रधानमंत्री संभवत: गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस की उस रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे, जिसमें भारतीय चाय उद्योग में कीटनाशकों का अत्याधिक उपयोग करने का जिक्र किया गया है।

मोदी ने कहा कि सरकार ने इस बजट में चाय क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और असम के प्रत्येक चाय बागान श्रमिक को शनिवार को 3,000 रुपये की सहायता-राशि वितरित की गई है।

उन्होंने कहा कि चाय बागानों में मोबाइल मेडिकल इकाइयां भी कार्यरत हैं।

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