इसरो की नई पहल, अब आम नागरिक भी श्रीहरिकोटा से देख सकेंगे रॉकेट की लॉन्चिंग
By विनीत कुमार | Published: March 30, 2019 07:51 PM2019-03-30T19:51:42+5:302019-03-30T19:51:42+5:30
इसरो ने दर्शकों के लिए विशेष गैलरी बनाई है जो स्टेडियम की तरह है। इसमें 5000 लोग बैठ सकते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च अनुसंधान (इसरो) ने आखिरकार उन आम लोगों के लिए दरवाजे खोल दिये हैं जो आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से बड़े-बड़े रॉकेट्स की लॉन्चिंग देखना चाहते हैं। दिलचस्प ये भी है कि दर्शक इसी सोमवार को ऐसी पहली लॉन्चिंग देख सकते हैं। इसरो को सोमवार को पीएसएलवी-सी45 रॉकेट को लॉन्च करेगी। दर्शक कोई शुल्क दिये रॉकेट लॉन्चिंग को देख सकते हैं।
इस रॉकेट के जरिये इसरो डीआरडीओ की ओर से बना एक उपकरण भेजेगा। साथ ही उसे 28 विदेशी सेटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजने हैं। सतीश धवन स्पेस सेंटर चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर है। इसरो का आम लोगों के लिए दरवाजे खोलने का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते हैं। इससे पहले अमेरिका का नासा काफी पहले ही आम दर्शकों के लिए यह सुविधा मुहैया करा रहा है।
इसरो ने दर्शकों के लिए विशेष गैलरी बनाई है जो स्टेडियम की तरह है। इसमें 5000 लोग बैठ सकते हैं। इस गैलरी से दर्शक दो लॉन्चपैड को आराम से देख सकते हैं। हालांकि, शुरू में इसरो ने ऐहतियात के तौर पर केवल 1000 लोगों को इजाजत देने की बात कही है। सोमवार को होने वाली लॉन्चिंग का समय सुबह 9.30 बजे है इसलिए दर्शकों को केवल 8 बजे तक एंट्री की अनुमति दी जाएगी।
🇮🇳 #ISROMissions 🇮🇳
— ISRO (@isro) March 30, 2019
Phase-1 of visitors' gallery, with 5000 capacity, will go live at SDSC in Sriharikota on March 31. It has a clear line of sight to 2 launch pads. Large screens placed to explain launcher\satellite features.
Our #PSLVC45 April 1 launch updates to continue. pic.twitter.com/bHVFuOdTYC
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार अगर सबकुछ ठीक रहा तो इसरो दर्शकों की संख्या 5000 और फिर इसे बढ़ाकर 10,000 तक ले जा सकता है। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने बताया कि इसरो के चीफ रविवार को इस गैलरी का उद्घाटन करेंगे। सिवन ने बताया कि दर्शकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम कर लिये गये हैं।
साथ ही यहां फूड वेंडर्स, टॉयलट और वॉशरूम भी मौजूद होंगे। इसके अलावा बड़े स्क्रीन भी लगाये गये हैं। इसरो के अनुसार यह पहल इसलिए भी की गई है ताकि युवाओं में विज्ञान के प्रति रूझान बढ़ सके।