इतिहास रचा इसरो ने, रिसैट-2बी का प्रक्षेपण, 48वां मिशन, आपदा प्रबंधन व सुरक्षा बलों को मिलेगी मदद
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 22, 2019 02:27 PM2019-05-22T14:27:44+5:302019-05-22T14:27:44+5:30
इसरो अध्यक्ष के शिवन ने मिशन नियंत्रण केंद्र से प्रक्षेपण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पीएसएलवी-सी46 ने 555 किलोमीटर की निर्दिष्ट कक्षा में 37 डिग्री के झुकाव के साथ रिसैट-2बी को सटीकता से स्थापित किया। शिवन ने कहा, ‘‘पीएसएलवी के लिए यह मिशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रक्षेपण के साथ ही पीएसएलवी राष्ट्रीय, छात्र एवं विदेशी उपग्रहों समेत कुल 354 उपग्रह प्रक्षेपित करके अंतरिक्ष में अब तक 50 टन वजन ले कर जा चुका।’’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बी का बुधवार तड़के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करके इतिहास रच दिया।
यह उपग्रह देश की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। मंगलवार को आरंभ हुई 25 घंटे की उलटी गिनती समाप्त होते ही एजेंसी के भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी46) ने 615 किलोग्राम वजनी उपग्रह के साथ सुबह साढ़े पांच बजे यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से उड़ान भरी।
ISRO: #PSLVC46 successfully injects #RISAT2B into Low Earth Orbit. pic.twitter.com/FoS7yroqGX
— ANI (@ANI) May 22, 2019
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls
— ANI (@ANI) May 22, 2019
यह पीएसएलवी-सी46 का 48वां मिशन था। उड़ान भरने के करीब 15 मिनट 30 सेकेंड के बाद रिसैट-2बी (रडार इमेजिंग सैटेलाइट-2बी) को कक्षा में छोड़ा गया। यह उपग्रह निगरानी, कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन समर्थन जैसे क्षेत्रों में मददगार साबित होगा।
इसरो अध्यक्ष के शिवन ने मिशन नियंत्रण केंद्र से प्रक्षेपण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पीएसएलवी-सी46 ने 555 किलोमीटर की निर्दिष्ट कक्षा में 37 डिग्री के झुकाव के साथ रिसैट-2बी को सटीकता से स्थापित किया। शिवन ने कहा, ‘‘पीएसएलवी के लिए यह मिशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रक्षेपण के साथ ही पीएसएलवी राष्ट्रीय, छात्र एवं विदेशी उपग्रहों समेत कुल 354 उपग्रह प्रक्षेपित करके अंतरिक्ष में अब तक 50 टन वजन ले कर जा चुका।’’
शिवन ने बताया कि रिसैट -2बी एक अत्याधुनिक पृथ्वी निगरानी उपग्रह है
इसरो के अध्यक्ष ने बताया कि पीएसएलवी-सी46 अपने साथ दो महत्वपूर्ण पेलोड -एक स्वदेश निर्मित प्रोसेसर और एक कम कीमत का ‘इनर्शल नेविगेशन सिस्टम’ लेकर गया। उन्होंने कहा, ‘‘इससे भविष्य के हमारे प्रक्षेपण यान मिशनों में क्रांति आएगी।’’
शिवन ने बताया कि रिसैट -2बी एक अत्याधुनिक पृथ्वी निगरानी उपग्रह है। उन्होंने कहा, ‘‘इस उपग्रह में, एक अन्य बहुत जटिल नई प्रौद्योगिकी ने उड़ान भरी है। यह 3.6 मीटर ‘अनफर्नेबल रेडियल रिब एंटीना’ है। यह भविष्य की तकनीक होने वाली है।’’ शिवन ने भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में कहा, ‘‘आगामी मिशन ‘चंद्रयान दो’ भारत के लिए ऐतिहासिक मिशन होने वाला है।
यह इसरो का अब तक का सबसे जटिल मिशन होने वाला है। यह मिशन इस साल नौ जुलाई से 16 जुलाई के बीच पूरा किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर छह सितंबर को उतरने की उम्मीद है। ‘‘यह ऐसे विशेष स्थल पर उतरने वाला है, जहां पहले कोई नहीं गया है।’’
शिवन ने बताया कि चंद्रयान-दो के बाद, ‘‘इसरो अत्यंत उच्च रेजोल्यूशन वाले ‘कार्टोसैट 3’ उपग्रह के प्रक्षेपण पर विचार करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुन: प्रोज्य प्रक्षेपण यान का दूसरा प्रदर्शन आगामी महीनों में होगा। कम लागत वाले छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान संबंधी गतिविधियां कुछ महीनों में होंगी।’’
‘रिसैट-2बी’, ‘रिसैट-2’ का स्थान लेगा। ‘रिसैट-2’ को 2009 में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। ‘रिसैट-2बी’ एक सिंथेटिक अपर्चर रडार से युक्त है जो दिन और रात दोनों में और बादल छाए होने पर भी पृथ्वी की तस्वीर लेने में सक्षम है।
इसरो के सूत्रों ने बताया कि इस मिशन की आयु पांच साल है और इस दौरान इस उपग्रह का प्रयोग सैन्य निगरानी के लिए भी किया जाएगा। भारत ‘रिसैट-2’ का इस्तेमाल सीमा पार पाकिस्तान में शिविरों पर नजर रखने के लिए सक्रिय तरीके से करता रहा है ताकि आतंकवादियों की घुसपैठ रोकी जा सके।
यह श्रीहरिकोटा से 72वां प्रक्षेपण यान मिशन था और प्रथम लॉन्च पैड से 36वां प्रक्षेपण था। बुधवार को किया गया प्रक्षेपण पीएसएलवी का 2019 में तीसरा प्रक्षेपण था। इसरो ने ‘रिसैट-1’ का प्रक्षेपण 26 अप्रैल 2012 को किया था।
Congratulations Team @isro on achieving another feat ~ launch of #PSLVC46 carrying #RISAT2B, an all-weather Earth observation satellite with high capabilities.
— Chowkidar Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 22, 2019
Kudos #ISRO Chairman Dr. K Sivan and your team. You make India proud.#ISROMissions@PMOIndia
इस्ट्रैक ने रिसैट 2बी का नियंत्रण संभाला: इसरो
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह ‘रिसैट-2बी’ के सफल प्रक्षेपण के बाद बुधवार को बताया कि ‘दूरमिति अनुवर्तन तथा आदेश नेटवर्क’ (इस्ट्रैक) ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया है।
इसरो ने अपने बयान में कहा कि पीएसएलवी-सी46 ने प्रथम लॉन्च पैड से उड़ान भरने के करीब 15 मिनट 25 सेकंड बाद ‘रिसैट-2बी’ को 556 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। बयान में कहा गया, ‘‘यान से अलग होने के बाद रिसैट-2बी की सौर सरणियां स्वत: तैनात हो गईं और इसरो के बेंगलुरु स्थित दूरमिति अनुवर्तन तथा आदेश नेटवर्क (इस्ट्रैक) ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया।’’
उसने कहा, ‘‘आगामी दिनों में उपग्रह को उसके अंतिम परिचालन विन्यास में लाया जाएगा।’’ इसरो अध्यक्ष के शिवन ने यान द्वारा ले जाए गए पेलोड को विकसित करने में शामिल टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘दो पेलोड-विक्रम प्रोसेसर और कम लागत वाले एमईएमएस आधारित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम- को चंडीगढ़ स्थित सेमी कंडक्टर लेबोरेटरी और तिरुवनंतपुरम स्थित इनर्शियल सिस्टम्स इकाई ने विकसित किया था।’’
बयान में कहा गया कि श्रीहरिकोटा में इसरो ने एक गलियारा बनाया था ताकि आम लोग रॉकेट प्रक्षेपण को देख सकें। प्रक्षेपण के दौरान बुधवार को 5000 लोग यहां आए।