भारतीय मछुआरों की मदद के लिए ISRO ने बनाया खास उपकरण, मिलेगा बड़ा फायदा

By भाषा | Published: February 10, 2020 06:39 PM2020-02-10T18:39:32+5:302020-02-10T18:39:32+5:30

नौसेना के अधिकारियों ने समिति को बताया कि इसके जरिये हम उन्हें मौसम संबंधी संदेश भी दे सकते हैं और तूफान की आशंका होने पर उन्हें सतर्क भी किया जा सकता है । 

isro has prepared module fishermen will not be able to cross international maritime boundary | भारतीय मछुआरों की मदद के लिए ISRO ने बनाया खास उपकरण, मिलेगा बड़ा फायदा

(फाइल फोटो)

Highlightsहमारे देश में लगभग 2,46,000 नौकाएं हैं जो 20 मीटर से कम ऊंची हैं ।भारतीय नौसेना ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर एक नई पहल की है ।

श्रीलंका और पाकिस्तान से लगे गहरे समुद्र में भारतीय मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने से रोकने के लिए इसरो ने ऐसा ‘उपकरण’ तैयार किया है जो उनकी नौकाओं का पता लगाकर उन्हें संदेश पहुंचाकर सावधान करेगा। नौसेना के अधिकारियों ने संसद की एक समिति को यह जानकारी दी। समिति ने पिछले दिनों संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। 

रिपोर्ट के अनुसार, नौसेना के अधिकारियों ने रक्षा संबंधी स्थायी समिति को बताया, ‘‘ हमारी अंतरराष्ट्रीय नौवहन सीमा रेखा श्रीलंका और पाकिस्तान से लगी है । उन सभी नावों में स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) लगी होती है जो नावें 20 मीटर से ऊंची होती हैं । हालांकि कुछ शरारती लोग अंतरराष्ट्रीय नौवहन सीमा रेखा को पार कर जाते हैं । ये वही लोग होते हैं जो 20 मीटर से कम ऊंचाई वाली नौकाओं का प्रयोग करते हैं । ’’ अधिकारियों ने बताया, ‘‘ इसलिये भारतीय नौसेना ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर एक नई पहल की है । ’’ 

इसमें कहा गया है, ‘‘ इसरो ने अब एक मॉड्यूल तैयार किया है जिसके तहत एक ट्रांसपांडर युक्त व्यवस्था तैयार की गई है जो उन नौकाओं की स्थिति एवं स्थान का पता लगाने में मदद तो करता ही है, साथ ही उन्हें इस संबंध में संदेश भी पहुंचाता है । ’’ नौसेना के अधिकारियों ने समिति को बताया कि इसके जरिये हम उन्हें मौसम संबंधी संदेश भी दे सकते हैं और तूफान की आशंका होने पर उन्हें सतर्क भी किया जा सकता है । 

उन्होंने बताया, ‘‘ इसमें निगरानी की एक और सुविधा है जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि वे अंतरराष्ट्रीय नौवहन सीमा रेखा पार कर रहे हैं अथवा नहीं । यदि वे सीमा पार कर रहे हैं तो उन्हें संदेश दिये जाने की भी सुविधा है।’’रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने समिति को बताया, ‘‘ गुजरात और तमिलनाडु में 500 मछुआरों की नौकाओं पर इसका परीक्षण भी किया गया है । वह सफल रहा है । अब शेष को भी इसके दायरे में लाया जायेगा।’’ 

गौरतलब है कि हमारे देश में लगभग 2,46,000 नौकाएं हैं जो 20 मीटर से कम ऊंची हैं । लोकसभा में पिछले सप्ताह पेश रक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने भारतीय जल क्षेत्र में मछुआरों की सुरक्षा के लिये उठाये गए कदमों के बारे में जानना चाहा था । नौसेना के प्रतिनिधियों ने समिति को यह भी बताया कि भारतीय नौसेना तथा भारतीय तटरक्षक गार्ड इन सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ गश्त कर रहे हैं ताकि इन मछुआरों को सीमा पार करने से रोका जा सके । पाकिस्तान और बांग्लादेश के तटरक्षकों के साथ हमारा हाटलाइन पर सम्पर्क है ।

Web Title: isro has prepared module fishermen will not be able to cross international maritime boundary

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