इसरो ने आधी रात को रचा इतिहास, भारत के सबसे वजनी रॉकेट की सफल कमर्शियल लॉन्चिंग, 36 सेटेलाइट कक्षा में किया स्थापित

By विनीत कुमार | Published: October 23, 2022 07:16 AM2022-10-23T07:16:02+5:302022-10-23T07:34:01+5:30

इसरो के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 को आधी रात को प्रक्षेपित किया गया। इसने ब्रिटेन स्थित ग्राहक वनवेब के लिए 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निचली कक्षा (एलईओ) में सफलतापूर्वक स्थापित स्थापित किया।

Isro creats history as its heaviest rocket successfully places 36 OneWeb satellites into earth lower orbits | इसरो ने आधी रात को रचा इतिहास, भारत के सबसे वजनी रॉकेट की सफल कमर्शियल लॉन्चिंग, 36 सेटेलाइट कक्षा में किया स्थापित

इसरो ने की भारत के सबसे वजनी रॉकेट की सफल कमर्शियल लॉन्चिंग (फोटो- इसरो)

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार रात इतिहास रचते हुए अपने सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 (Launch Vehicle Mark 3 (LVM3 or GSLV Mk-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस रॉकेट के जरिए इसरो ने वनवेब (OneWeb satellites) के 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को भी निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया।

LVM3- भारत का सबसे वजनी रॉकेट

ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से रात 12.07 बजे की गई। यह सबसे भारी रॉकेट के जरिए कई उपग्रहों को पृथ्वी की नीचली कक्षा (LEO) में भेजने के लिए इसरो का पहला मिशन था। इस लॉन्च के साथ, LVM3 ने वैश्विक वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बाजार में प्रवेश किया।

ऐसे में वनवेब के 5,796 किलोग्राम वजन के 36 उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष में जाने वाला यह पहला भारतीय रॉकेट बन गया है।  प्रक्षेपण के लगभग 20 मिनट बाद, रॉकेट ने सफलतापूर्वक 36 वनवेब उपग्रहों को 601-किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया।

अंतरिक्ष विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने पूर्व में इसरो के एलवीएम3 बोर्ड पर वनवेब लियो उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए लंदन-मुख्यालय वाली नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के साथ दो लॉन्च सेवा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे। 

वनवेब एक निजी उपग्रह संचार कंपनी है, जिसमें भारत की भारती एंटरप्राइजेज भी एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक है।

LVM3 में 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को ले जाने की क्षमता

LVM3 रॉकेट की क्षमता 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की है। यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह एलवीएम3 का पहला वाणिज्यिक मिशन है और प्रक्षेपण यान के साथ एनएसआईएल का भी पहला अभियान है। 

रॉकेट से 36 सेटेलाइट में से 16 के पृथ्वी की कक्षा में स्थापित होने की प्रक्रिया श्रीहरिकोटा से भी देखी गई। इसके बाद इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, 'हमने पहले दिवाली के जश्न की शुरुआत कर दी है। अब रॉकेट अपने सही रास्ते पर है। 36 उपग्रहों में से सोलह को ठीक कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। यह एक धीमी प्रक्रिया है। इसमें लंबा समय लगेगा। शेष 20 उपग्रह भी अलग हो जाएंगे लेकिन उसे हम यहां से नहीं देख सकेंगे। लेकिन हमें डेटा मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक लॉन्च है क्योंकि यह LVM3 का दूसरा ऑपरेशनल मिशन और पहला कमर्शियल लॉन्च है।'

उन्होंने आगे कहा, 'यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे जो LVM3 को कमर्शियल लॉन्च सर्विस में लाना चाहते थे। हम अगले एम3 मिशन में 36 और उपग्रह स्थापित करेंगे।'

Web Title: Isro creats history as its heaviest rocket successfully places 36 OneWeb satellites into earth lower orbits

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