ISRO 2024: इसरो ने किया एक और कारनामा, ईंधन सेल का परीक्षण, जानें क्या है और कैसे करेगा काम, जानिए खासियत

By सतीश कुमार सिंह | Published: January 5, 2024 12:34 PM2024-01-05T12:34:27+5:302024-01-05T12:44:43+5:30

ISRO 2024: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में अपने अभियान का आकलन करने और भविष्य के अभियानों के लिए प्रणालियों के डिजाइन के लिए आंकड़ें एकत्रित करने के वास्ते एक ईंधन सेल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

ISRO 2024 ISRO generates power from hydrogen and oxygen gases in space a leap for human missions 100 W class Polymer Electrolyte Membrane Fuel Cell based Power System (FCPS) in its orbital platform, POEM3, launched onboard PSLV-C58 on January 1, 2024 | ISRO 2024: इसरो ने किया एक और कारनामा, ईंधन सेल का परीक्षण, जानें क्या है और कैसे करेगा काम, जानिए खासियत

photo-ani

Highlightsईंधन सेल अंतरिक्ष में बिजली उत्पादन का भविष्य हैं। फ्यूल सेल आधारित ऊर्जा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।पोअम 3 का पीएसएलवी-सी58 से एक जनवरी को प्रक्षेपण किया गया था।

ISRO 2024: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और कारनामा कर डाला। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में अपने अभियान का आकलन करने और भविष्य के अभियानों के लिए प्रणालियों के डिजाइन के लिए आंकड़ें एकत्रित करने के वास्ते एक ईंधन सेल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

यहां स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि अभियानों को दक्षता प्रदान करने और केवल पानी का उत्सर्जन करने वाली ये ईंधन सेल अंतरिक्ष में बिजली उत्पादन का भविष्य हैं। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र/इसरो ने अपने कक्षीय प्लेटफॉर्म पोअम 3 में 100 वॉट वर्ग की पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेमब्रेन फ्यूल सेल आधारित ऊर्जा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

पोअम 3 का पीएसएलवी-सी58 से एक जनवरी को प्रक्षेपण किया गया था। इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘इस प्रयोग का उद्देश्य अंतरिक्ष में पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेमब्रेन फ्यूल सेल के संचालन का आकलन करना और भविष्य के अभियानों के लिए प्रणालियों के डिजाइन की सुविधा के लिए आंकड़ें एकत्रित करना है।’’

पोअम (पीएसएलवी कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल) में छोटी अवधि के परीक्षण के दौरान उच्च दाब वाले कंटेनर में रखी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस से 180 वॉट ऊर्जा उत्पन्न की गयी। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘इसने विभिन्न स्थैतिक और गतिशील प्रणालियों के प्रदर्शन पर प्रचुर मात्रा में डेटा प्रदान किया जो बिजली प्रणाली और भौतिकी का हिस्सा थे।’’

हाइड्रोजन ईंधन सेल शुद्ध जल और ऊष्मा के साथ ही सीधे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस से बिजली उत्पन्न करते हैं। ईंधन सेल को आज इस्तेमाल होने वाले विभिन्न प्रकार के वाहनों में इंजन के स्थान पर सबसे उचित विकल्प माना जाता है। इसरो ने कहा कि ईंधन सेल अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक आदर्श ऊर्जा स्रोत है क्योंकि यह बिजली और शुद्ध जल दोनों उपलब्ध कराता है।

Web Title: ISRO 2024 ISRO generates power from hydrogen and oxygen gases in space a leap for human missions 100 W class Polymer Electrolyte Membrane Fuel Cell based Power System (FCPS) in its orbital platform, POEM3, launched onboard PSLV-C58 on January 1, 2024

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे