Israel Iran: ईरान में फंसे 90 कश्मीरी छात्र आज रात पहुंचेंगे दिल्ली?, 3000 छात्रों के भविष्य का अभी कुछ पता नहीं
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 18, 2025 16:09 IST2025-06-18T16:08:11+5:302025-06-18T16:09:43+5:30
Israel Iran: 3000 से अधिक कश्मीरी बच्चे विभिन्न ईरानी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं,

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जम्मूः इजराइल-ईरान युद्ध के बीच, जम्मू कश्मीर के वे 90 छात्र आज रात तक नई दिल्ली पहुंचने की संभावना है और उन्हें श्रीनगर तक फ्री हवाई जहाज से पहुंचाने की घोषणा भारत सरकार ने की जिन्हें ईरान से सुरक्षित निकालकर आर्मेनिया पहुंचाया गया था। पर बाकी के 3 हजार के करीब कश्मीरी छात्रों के भविष्य का अभी कुछ पता नहीं है। कश्मीर के अभिभावकों और छात्र संगठनों के अनुमान के अनुसार, 3000 से अधिक कश्मीरी बच्चे विभिन्न ईरानी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं,
क्योंकि यहां के अभिभावक अपने बच्चों को ईरान के किफायती कालेजों और कश्मीर के साथ सांस्कृतिक समानताओं के कारण वहां भेजना पसंद करते हैं। हालांकि, शुक्रवार को पश्चिम एशियाई देश पर इजरायली हवाई हमलों से शुरू हुए इजरायल और ईरान के बीच युद्ध के बाद, कश्मीर में माता-पिता घबरा गए और उन्होंने भारत सरकार से अपने बच्चों को निकालने की अपील की थी।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा था कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के बारे में बात की है, लेकिन उनकी सरकार ने निकासी और ईरान में फंसे छात्रों की संख्या के बारे में कोई विवरण साझा नहीं किया है।
जबकि जम्मू कश्मीर के जम्मू कश्मीर छात्र संघ ने बताया कि ईरान में फंसे कश्मीर वादी के 90 छात्र बढ़ते संघर्ष के बीच सुरक्षित रूप से ईरानी सीमा पार कर आर्मेनिया पहुंच गए थे और अब वे नई दिल्ली पहुंचने वाले हैं। ये छात्र उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे और उन्हें निकालकर आर्मेनिया पहुंचाया गया था। संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने पत्रकारों को इसकी जानकारी दी थी।
हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने पत्रकारों को बताया था कि जम्मू कश्मीर सरकार जम्मू कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा और निकासी के बारे में विदेश मंत्रालय के संपर्क में है। जबकि छात्र संघ के कनवीनर खुएहमी ने बताया था कि सोमवार को तेहरान से 600 छात्रों को कोम भेजा गया था, जिनमें से 150 कश्मीरी छात्र थे।
उन्होंने कहा कि 1300 छात्रों में से 250 से अधिक को आज तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। हालांकि उनका दावा था कि कश्मीर के बाकी छात्र अपने विश्वविद्यालयों में फंसे हुए हैं। वे सुरक्षित हैं, लेकिन युद्ध जारी रहने के कारण चिंतित हैं। पर 3 हजार से अधिक कश्मीरी छात्रों के अभिभावक अभी भी चिंता में हैं क्योंकि बाकी छात्रों की घर वापसी के प्रति सभी चुप्पी साधे हुए हैं।
ईरान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही बेटी मंजूर अहमद बताते थे कि हालांकि उनकी बेटी सुरक्षित है, लेकिन युद्ध बढ़ने के बाद वे चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। वे कहते थे कि हम अपनी बेटी के साथ लगातार संपर्क में हैं, हालांकि संपर्क कमजोर हो रहा है। लेकिन हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वे तेजी से निकासी में तेजी लाएं।
एक अन्य अभिभावक मकसूद अहमद, जिनकी बेटी तेहरान में पढ़ रही है, ने कहा कि बच्चों को ईरान के एक प्रांत कोम में स्थानांतरित कर दिया गया है, जो राजधानी से 152 किमी दूर है। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी बेटी से बात की है। वह और उसका दूसरा साथी कोम में सुरक्षित हैं।
अहमद कहते थे कि ईरान में भारतीय दूतावास छात्रों का समर्थन कर रहा है और उन्हें हर तरह से मदद कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने अभिभावकों से बात नहीं की है और न ही उन्हें कोई जानकारी दी है।