इजरायल और ईरान की लड़ाई में फंसे जम्मू-कश्मीर के 1300 छात्र, सीएम उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्रालय से की अपील

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 14, 2025 15:52 IST2025-06-14T15:51:44+5:302025-06-14T15:52:44+5:30

Israel Attacks Iran: जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले छात्रों के परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है, जो फिलहाल इरान में पढ़ाई कर रहे हैं।

Israel Attacks Iran war 1300 students Jammu and Kashmir trapped war CM Omar Abdullah appeals Foreign Ministry | इजरायल और ईरान की लड़ाई में फंसे जम्मू-कश्मीर के 1300 छात्र, सीएम उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्रालय से की अपील

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Highlightsविदेश मंत्रालय से अपील की कि वह ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए।

जम्मूः इजरायल-ईरान की लड़ाई में करीब 1300 जम्मू कश्मीर के छात्र भी फंसे हुए हैं। उनकी सलामती को लेकर जम्मू कश्मीर के कई घरों में चिंता और गम का आलम है। परिजन लगातार केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि उन्हें वहां से निकाला जाए। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला भी इसके प्रति गुहार लगा रहे हैं। ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते युद्ध जैसे हालात के बीच भारत में चिंता की लहर दौड़ गई है। खासतौर पर जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले छात्रों के परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है, जो फिलहाल इरान में पढ़ाई कर रहे हैं।

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्रालय से अपील की कि वह ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने एक्स पर विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा कि अनुरोध है कि इरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई को तत्काल सुनिश्चित किया जाए उनके परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।

हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए। कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने भी केंद्र सरकार से अपील की है कि ईरान में फंसे छात्रों को जल्द से जल्द भारत लाया जाए। ये छात्र पेशेवर शिक्षा, विशेष रूप से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए ईरान गए थे। छात्र संघ के अनुसार कई कालेज सैन्य ठिकानों के नजदीक हैं, जहां हमलों का खतरा ज्यादा है।

गुरुवार रात से हमलों और सायरनों की आवाजें छात्रों को सोने नहीं दे रही हैं। छात्रों ने कहा कि वे पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे हैं, और परिवार वाले भारत में लगातार खबरों से बेचैन हैं। कई लोगों ने बताया कि हम बहुत डरे हुए हैं। हमारे माता-पिता घर पर बहुत चिंतित हैं। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में डा फारूक ने इजरायल और ईरान से संयम बरतने और तनाव को बातचीत के जरिए हल करने की अपील की। उन्होंने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि ईरान में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। उनके परिजन बेहद चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।

अधिकारियों ने कहा कि एसोसिएशन को सूचित किया गया था कि कई छात्र ऐसे कालेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं जो महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों और रणनीतिक स्थलों के बेहद करीब स्थित हैं। वे लगातार हवाई हमलों, वायु रक्षा सायरन और उनके आसपास बढ़ती सैन्य गतिविधियों की आवाजे सुन रहे हैं। कल रात से, स्थिति तेजी से बिगड़ गई है।

कुछ छात्र ऐसे शहरों में भी हैं जहां सीधे इजरायली हवाई हमलों की सूचना मिली है। छात्र डरे हुए हैं और पूरी तरह से असहाय महसूस कर रहे है। संघ का कहना था कि तत्काल जोखिम और बढ़ते मनोवैज्ञानिक नुकसान को देखते हुए, हम आपके सम्मानित कार्यालय से इन छात्रों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्काल उपाय शुरू करने का आग्रह करते हैं।

हम विदेश मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि वह ईरान में भारतीय छात्रों और तेहरान में भारतीय दूतावास के बीच समर्पित और उत्तरदायी संचार लाइनें स्थापित करे, और सत्यापित जानकारी, आपातकालीन दिशा-निर्देश और अपडेट प्रसारित करें।

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