इशरत जहां मामला: दो आईबी अधिकारियों को भेजा गया सम्मन निरस्त
By भाषा | Published: March 31, 2018 08:30 PM2018-03-31T20:30:11+5:302018-03-31T20:30:11+5:30
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने इशरत जहां के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा खुफिया ब्यूरो (आईबी) के दो अधिकारियों के लिए जारी किए गए सम्मन रद्द कर दिए।
अहमदाबाद, 31 मार्च: इशरत जहां मामले में विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जे बी पांड्या ने राजीव वानखेड़े और टी एस मित्तल को सम्मन जारी करने के निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया। दोनों जून, 2004 में हुए कथित फर्जी मुठभेड़ के समय सहायक केंद्रीय खुफिया अधिकारी थे। दोनों अधिकरियों ने उन्हें जारी किए सम्मन को चुनौती दी थी।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने आईबी के दो और अधिकारियों - विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार और अधिकारी एम एस सिन्हा - को भी सम्मन जारी किया था लेकिन उन्होंने सीबीआई की विशेष अदालत में उन्हें चुनौती नहीं दी।
सीबीआई के वकील अर सी कोडेकर ने कहा कि आज का आदेश आईबी के चारों अधिकारियों पर लागू होता है अथवा नहीं, यह आदेश की प्रति मिलने के बाद ही स्पष्ट होगा।
सीबीआई ने चारों अधिकारियों पर हत्या, आपराधिक साजिश, अवैध रूप से हिरासत में रखने और अपहरण के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया है।
वानखेडे और मित्तल ने सीबीआई की अदालत में कहा कि सम्मन बरकरार रखे जाने योग्य नहीं हैं क्योंकि अदालत ने सीबीआई के आरोपपत्र का संज्ञान नहीं किया था।
बहरहाल, मामले में आरोपी गुजरात पुलिस के पूर्व अधिकारी एन के अमीन ने सीबीआई अदालत का दरवाजा खटखटाकर बरी किए जाने की मांग की है।
अमीन का नाम सीबीआई के पहले आरोपपत्र में शामिल सात पुलिस अधिकारियों में था। उनमें से हाल में विशेष अदालत ने गुजरात के पूर्व प्रभारी डीजीपी पी पी पांडेय को बरी कर दिया था।