क्या राफेल सौदे और अंबानी की 1119 करोड़ की करमाफी के बीच कोई रिश्ता है?
By शीलेष शर्मा | Published: April 14, 2019 07:19 AM2019-04-14T07:19:33+5:302019-04-14T11:20:03+5:30
कांग्रेस का सीधा आरोप था कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार और पैसे के लेन-देन के तार का आखिरकार खुलासा हो गया और यह भी साफ हो गया कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी अनिल अंबानी को मदद पहुंचा रहे थे.
नयी दिल्ली 13 अप्रैल: राफेल लड़ाकू विमान खरीद को लेकर आरोपों में घिरीं मोदी सरकार नये खुलासों के कारण और मुश्किलों में फंसती जा रही है. फ्रांस के अखबार ‘द मोन्ड’ के खुलासे ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अनिल अंबानी के 143.7 मिलियन यूरो जो लगभग 1119 करोड़ की राशि बनती है की टैक्स राशि फ्रांस सरकार ने कैसे माफ कर दिया. इस टैक्स माफी और राफेल सौदे से क्या रिश्ता है.
फ्रांस के अखबार ने आशंका जताई कि यह टैक्स माफी के पीछे राफेल सौदा एक बड़ा कारण था. क्योंकि फ्रांस सरकार ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राफेल सौदे की घोषणा से फौरन बाद लिया. टैक्स रफा-दफा कराने के लिए अंबानी को मात्र 7.3 मिलियन यूरो जो लगभग 57 करोड़ की राशि बनती है चुकानी पड़ी.
अखबार के इस खुलासे के बाद राफेल को लेकर मोदी पर हमलावर कांग्रेस ने निशाना साधा और सीधा आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के इशारे पर कथित रुप से अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ का ऑफसेट अनुबंध दिया गया तो दूसरी तरफ 1118 करोड़ की टैक्स माफी दी गयी.
पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने तारीखों का हवाला देते हुए कहा कि दस अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी 126 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा रद्द कर 36 विमानों की खरीद करने का फैसला करते है और ठीक उसके बाद रिलायंस एटलांटिक फ्लेग फ्रांस जो अनिल अंबानी की कंपनी है के 143.7 मिलियन यूरो टैक्स बकाया की राशि मात्र 7.6 मिलियन यूरो देकर माफ कर दी जाती है.
कांग्रेस ने आज कुछ दस्तावेज भी जारी किये जिसमें अखबार की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है. कांग्रेस का सीधा आरोप था कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार और पैसे के लेन-देन के तार का आखिरकार खुलासा हो गया और यह भी साफ हो गया कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी अनिल अंबानी को मदद पहुंचा रहे थे.