क्या दाऊद इब्राहिम है पीएम मोदी के 2019 के चुनाव अभियान का मास्टर स्ट्रोक?

By पल्लवी कुमारी | Published: May 31, 2018 07:23 AM2018-05-31T07:23:08+5:302018-05-31T07:23:08+5:30

मार्च 1993 में हुए मुंबई में एक बाद एक 12 बम धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गये थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सीबीआई जांच में यह सामने आया कि दाऊद इस धमाकों का मास्टर माइंड था।

Is Narendra Modi government making plan to arrest Dawood Ibrahim? | क्या दाऊद इब्राहिम है पीएम मोदी के 2019 के चुनाव अभियान का मास्टर स्ट्रोक?

क्या दाऊद इब्राहिम है पीएम मोदी के 2019 के चुनाव अभियान का मास्टर स्ट्रोक?

नई दिल्ली, 31 मई; 60 साल के दाऊद इब्राहिम की 41 साल की आतंक के कहानी का अंत क्या अब नजदीक आने वाला है। मुंबई बम धमाकों का मास्टर माइंड दाऊद इब्राहिम 25 सालों से भारत से फरार है। जी हां, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने दाऊद इब्राहिम को पकड़ने के लिए नए सिरे से जाल बिछा दिया है। कुछ लोगों का तो यहाँ तक दावा है कि सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी की तरह दाऊद इब्राहिम की गिरफ्तारी भी नरेंद्र मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक होगी। मोदी सरकार 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले दाउद को गिरफ्तार कर ताबूत में आखिरी कील ठोकेने का काम करेंगे? दुनिया के इस मोस्ट वांटेड अपराधी को गिरफ्तार कर मोदी सरकार देश की जनता के सामने ये साबित करना चाहेगी कि उनका सीना सच में 56 इंच का है। 

 मार्च 1993 में हुए मुंबई में एक बाद एक 12 बम धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गये थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सीबीआई जांच में यह सामने आया कि दाऊद इस धमाकों का मास्टर माइंड था। इसमें दाऊद फैमली के तकरीबन दर्जन भर लोग शामिल थे। दाऊद इब्राहिम के भाई याकूब मेमन को मुंबई बम धमाकों में शामिल होने के लिए फांसी भी दी जा चुकी है। दाऊद इब्राहिम का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी शहर में हुआ था। सीबीआई के मुताबिक दाऊद की लंबाई पांच फुट चार इंच है और उसकी बाईं भौं पर तिल है। शानदार पार्टियों का शौकीन दाऊद में बचपन से ही जल्द से जल्द पैसा कमाने की ललक थी। इसके लिए उसने गलत रास्ता चुन लिया। ऊद के आपराधिक जीवन की शुरुआत एक बिजनेसमैन के साथ लूटपाट से हुई थी। इसके बाद से दाऊद मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला के गैंग के लिए काम करने लगा। 1980 के दशक में दाऊद का नाम मुंबई अपराध जगत में बहुत तेजी से सामने आने लगा। उसकी पहुंच फिल्म जगत से लेकर सट्टे और शेयर बाजार तक हो गई थी। 

अब भी विदेश में मौज कर रहे हैं ये मोस्ट वांटेड अपराधी, मोदी सरकार ने किया था वापस लाने का वादा

1990 के आसपास दाऊद भारत छोड़कर दुबई भाग गया था। लेकिन वहां से बैठकर भी वह मुंबई में के कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था। दाऊद को समय-समय पर भारत लाने की मांग उठती रही है और भारत सरकार लगातार पाकिस्तान पर दबाव बनाती भी रहती है। और इसी दवाब की वजह से दाऊद अपना ठिकाना बदलता रहा है। मोदी सरकार ने 2017 में दावा किया था कि दाऊद पाकिस्तान में ही है और उसे हर हाल में वापस लाया जाएगा। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर जमीनी हकीकत की बात करें तो मोदी सरकार के लिए दाऊद को वापस लाना बेहद ही मुश्किल है, क्योंकि मोदी सरकार अभी तक ये भी पता नहीं लगा पाई है कि दाऊद का असली ठिकाना कहां है? 


आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही मोदी सरकार ने  2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जनता को इस बात का भरोसा दिलाया था कि वह सत्ता में आते ही विदेशों में जितने भी भारत के कुख्यात अपराधी हैं, उनको सलाखों के अंदर करवाएंगे। 2017 में बीजेपी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी दावा किया था कि  UAE में दाऊद इब्राहिम की करीब 15,000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई है। लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार दाऊद को वापस लाने के मसले पर अभी तक नाकाम ही साबित हुई है।  अब देखने वाली बात यह होगी कि अपने कार्यकाल के बचे एक साल में पीएम मोदी दाऊद इब्राहिम नाम का मास्टर स्ट्रोक खेल पाएंगे या नहीं...? 

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Web Title: Is Narendra Modi government making plan to arrest Dawood Ibrahim?

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