सिंचाई घोटाला: अजित पवार ने कोर्ट में दायर किया हलफनामा, कहा- CBI या ED जांच की कोई जरूरत नहीं
By भाषा | Published: January 15, 2020 11:17 AM2020-01-15T11:17:30+5:302020-01-15T11:17:30+5:30
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक ने पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि एसीबी जांच में पवार की कोई भूमिका नहीं पाई गई है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने करोड़ों रुपये के सिंचाई घोटाले में अपने खिलाफ दायर याचिकाओं का जवाब देते हुए बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक हलफनामा दाखिल किया और आरोपों को ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ बताया। राकांपा के नेता ने मंगलवार को दायर हलफनामे में यह भी कहा कि मामले की जांच सीबीआई या ईडी को सौंपे जाने की जरूरत नहीं है।
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक ने पिछले साल दिसम्बर में उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि एसीबी जांच में पवार की कोई भूमिका नहीं पाई गई है। यह कथित घोटाला विदर्भ सिंचाई विकास निगम (वीआईडीसी) की 12 परियोजनाओं से संबंधित है। ऐसा आरोप है कि वीआईडीसी के तत्कालीन प्रमुख पवार और अधिकारियों ने परियोजनाओं के लिए निविदा जारी करते समय ठेकेदारों के साथ मिलीभगत की, जिससे सरकारी कोष को नुकसान पहुंचा । जनमंच के अतुल जगताप ने कथित घोटाले के संबंध में चार जनहित याचिकाएं दायर की थी। उन्होंने उच्च न्यायालय से मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है।
पवार ने हलफनामे में कहा कि जगताप खुद एक ठेकेदार हैं और उक्त परियोजनाओं की निविदाएं उन्होंने भी भरी थी, ऐसे में उनकी याचिका को स्वीकार नहीं करना चाहिए। पवार ने हलफनामे में कहा, ‘‘ उच्च न्यायालय को ऐसे आवेदनों पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए जिनमें निजी स्वार्थों, दुर्भावनापूर्ण इरादों, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता के चलते आरोप लगाए गए हैं और जो जनहित में नहीं है।’’ पवार ने कहा, ‘‘ मैं सभी आरोपों को सिरे से खारिज करता हूं।’’ मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होनी है।