बुजुर्ग नागरिकों के रेल टिकट पर छूट बन्द होने के बाद चार करोड़ बुजुर्ग कर चुके हैं यात्रा
By विनीत कुमार | Published: November 22, 2021 10:46 AM2021-11-22T10:46:56+5:302021-11-22T10:56:42+5:30
पिछले साल मार्च में कोरोना संक्रमण का दौर आने के बाद रेलवे यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत को बंद किया गया था। ये अभी भी जारी है।
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के बाद मार्च-2020 से रेलवे द्वारा रियायतों को निलंबित किए जाने के बाद करीब चार करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को अपनी यात्रा के लिए पूरा किराया चुकाना पड़ा है। आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में ये बात सामने आई है।
मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ ने दी थी आरटीआई
रेलवे ने पिछले साल मार्च-2020 में टिकट पर रियायतों को बंद किया था। मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ ने इस संबंध में आरटीआई दायर किया था। उनके सवाल के जवाब में रेलवे ने बताया कि 22 मार्च 2020 से सितंबर 2021 के बीच 3 करोड़ 78 लाख 50 हजार 668 वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेनों में यात्रा की है।
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन और फिर धीरे-धीरे रेलवे सेवाओं की फिर से शुरुआत के मद्देनजर कई महीनों तक कुछ गाड़ियां ही चलती रहीं। रेलवे के मुताबिक मार्च 2020 से स्थगित की गईं रियायतें अभी भी उसी अवस्था में हैं।
रियायत हासिल करने के लिए क्या हैं नियम?
वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाएं 50 प्रतिशत रियायत के लिए पात्र हैं जबकि पुरुष यात्रियों को 40 प्रतिशत छूट मिल सकती है। छूट प्राप्त करने के लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों की 60 साल होनी चाहिए।
दरअसल, पिछले दो दशकों में रेलवे द्वारा दी जाने वाली रियायतों पर काफी चर्चा भी हुई है। कई समितियों ने इसे वापस लेने की सिफारिश भी की। ऐसे में जुलाई 2016 में रेलवे ने टिकट बुक करते समय बुजुर्गों को मिलने वाली रियायत को वैकल्पिक बना दिया था। इसके बाद जुलाई 2017 में रेलवे ने बुजुर्गों के लिए ‘रियायत छोड़ने’ के विकल्प की योजना भी शुरू की थी।
बहरहाल, कोरोना के कम होते मामलों के बीच रेलवे ने रेलगाड़ियों से 'स्पेशल' टैग अब हटा दिया है और चरणबद्ध तरीके से पूरी क्षमता से ट्रेनों को दौड़ाने का काम शुरू हो गया है। ट्रेनों में गर्म पका हुआ भोजन परोसने की सेवा को भी फिर से शुरू किया गया है। हालांकि रियायतें बहाल करने और बेडरोल उपलब्ध कराने संबंधी फैसले अभी नहीं लिए गए हैं।