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'हमें कोमल समझने की भूल ना करें', देखें महिला दिवस पर शीला दीक्षित, अलका लाम्बा ने क्या कहा

By गुलनीत कौर | Updated: March 7, 2018 17:07 IST

दिल्ली की पूर्व मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित महिला दिवस पर 'स्त्री मानुष' कैंपेन से जुड़ीं।

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मन में एक सवाल जरूर आता है कि आखिरकार हमें महिला दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ती है? क्यों हमें एक ऐसा दिन चाहिए जब हम खासतौर से महिलाओं के अधिकारों को याद करें, उन्हें सामान दें, उनकी सुरक्षा की कसमें खाएं। जबकि वर्ष भर बलात्कार, महिला यौन शोषण, महिला उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन महिला दिवस पर लोग महिला और पुरुष के एक सामान होने की बात करते हैं। सवाल तो यह है कि महिला और पुरुष को हम अलग-अलग क्यों देखते हैं, आखिर हैं तो दोनों मनुष्य ही। 

इस सवाल एक साथ लोकमत न्यूज डॉट इन ने एक मुहीम चलायी है जिसका नाम है 'स्त्री मानुष'। इस मुहीम के जरिए लोकमत न्यूज अपने पाठकों तक यह सन्देश पहुंचाना चाहता है कि महिला और पुरुष को अलग ना मानें, ये दोनों ही प्रकृति से पैदा हुए हैं और दोनों ही मनुष्य हैं। इन्हें अलग अलग छवि देकर हम प्रकृति का अपमान करते हैं। इस बात को मद्देनजर रखते हुए हमने कुछ जाने माने चेहरों से बात की। ये वे महिलाएं हैं जिन्होनें अपने क्षेत्र में कुछ खास उपलब्धियां हासिल की हैं। आइए देखते हैं स्त्री मानुष और महिला दिवस के बारे में इनका क्या कहना है। 

शीला दीक्षित

दिल्ली की पूर्व मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी से लोकमत न्यूज ने खास बातचीत की। इस कैंपेन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि 'स्त्री मानुष मुहिम का महिलाओं और उनकी स्थिति पर खास असर पड़ेगा। स्त्री उसी दर्जे पर पहुंच जाए जिसपर आज हमारे भाई लोग हैं'। यहां दी गई विडियो में विस्तार से सुनिए उन्होंने आगे क्या कहा:

यह भी पढ़ें: पहली बार 8 मार्च को नहीं मनाया गया था 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस', जानें पूरा इतिहास

रेखा शर्मा

श्रीमती रेखा शर्मा राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयर पर्सन हैं। स्त्री मानुष के इस कैंपेन के बारे में उन्होंने कहा कि 'एक महिला, महिला होने से पहले मानुष भी है यह एक सकारात्मक सोच को दर्शाता है। यह वाकई अच्छी सोच है। लेकिन दुःख इस बात का है कि आज भी हमें दुनिया को एहसास दिलाने की जरूरत पड़ती है कि महिला पुरुष एक सामान हैं'। आगे उन्होंने भारतीय संविधान और महिलाओं के दर्द को भी बयां किया। विडियो के माध्यम से सुने:

अलका लाम्बा

दिल्ली से आम आदमी पार्टी की राजनितिज्ञ श्रीमती अलका लाम्बा का कहना है कि 'महिलाएं देखने में कोमल जरूर हैं लेकिन कमजोर नहीं'। आगे उन्होंने आज की हकीकत के बारे में बात की। महिलाओं की भारत में क्या स्थिति है इसपर भी बात की। विडियो में देखें उन्हों यकीन बड़े मुद्दों पट अपनी बात रखी है: 

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