International Tiger Day 2021: बाघ के बच्चे 'अंधे' पैदा होते हैं, जानिए बाघों के बारे में ये 10 दिलचस्प बातें

By विनीत कुमार | Published: July 29, 2021 08:49 AM2021-07-29T08:49:40+5:302021-07-29T08:57:29+5:30

International Tiger Day 2021: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2010 में रूस से हुई थी।

International Tiger Day 2021: interesting 10 facts about Tigers across world | International Tiger Day 2021: बाघ के बच्चे 'अंधे' पैदा होते हैं, जानिए बाघों के बारे में ये 10 दिलचस्प बातें

29 जुलाई को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस

Highlightsसेंट पीटर्सबर्ग में साल 2010 में आयोजित एक शिखर सम्मेलन से हुई अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की शुरुआत।अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस का मकसद बाघों के संरक्षण को लेकर जागरूकता पैदा करना है। बाघ भारत के साथ-साथ बांग्लादेश और दक्षिण कोरिया का भी राष्ट्रीय पशु है

International Tiger Day 2021: आज पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जा रहा है। ये खास दिन हर 29 जुलाई को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। इस दिन का मकसद दरअसल बाघों के सरंक्षण को लेकर जागरूकता पैदा करना है। 

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में साल 2010 में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा हुई थी। इस सम्मेलन में कई देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था।

1. बाघ केवल भारत का राष्ट्रीय पशु नहीं है। ये शानदार जानवर मलेशिया, बांग्लादेश और दक्षिण कोरिया का भी राष्ट्रीय पशु है। बंगाल टाइगर की भारत के राष्ट्रीय पशु के तौर पर घोषणा अप्रैल 1973 में हुई थी। 

2. बाघ की सभी प्रजातियों में आम तौर मादा का वजन नर से कम ही होता है। वहीं, बाघ का दहाड़ना करीब 3 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है।

3. एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि बाघ अन्य बड़े बिल्ली के प्रजातियो के साथ भी मिलन कर सकते हैं। मसलन मादा शेरनी और नर बाघ, जिससे पैदा होने वाले बच्चे को टिगोन (Tigon) कहते हैं। ऐसे ही मादा बाघ और एक नर शेर की क्रॉस ब्रिडिंग से हुए बच्चे को लिगर (Liger) कहा गया है।

4. खास बात ये भी है कि किसी भी दो बाघ की धारियां एक जैसी नहीं हो सकती है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे इंसानों में ऊंगलियों पर बने निशान अलग-अलग होते हैं।

5. दुनिया में कभी बाघ की 8 प्रजातियां हुआ करती थीं। अब हालांकि तीन विलुप्त हो चुकी हैं।

6. अभी साइबेरियन टाइगर, बंगाल टाइगर, इंडो-चाइनीज टाइगर, मलायन टाइगर, सुमात्रन टाइगर जैसी प्रजातियां जिंदा हैं। वहीं, बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर, जावन टाइगर विलुप्त हो चुकी हैं।

7. बाघ अकेला ही रहता है और जिस क्षेत्र में रहता है, वहां अपने विरोधी बाघ को दूर रखने के लिए अपना एक खास क्षेत्र तय रखता है।

8. बाघ अगर अपनी पूरी क्षमता से दौड़े तो ये 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड़ से दौड़ सकता है। साथ ही बाघ बहुत अच्छे तैराक होते हैं।

9. बाघ के बच्चे जब पैदा होते हैं तो वे एक तरह से अंधे होते हैं। उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता। हालांकि, अगले 6 से 8 हफ्तों में उनकी दृष्टि बहुत साफ हो जाती है। इससे पहले तक वे केवल अपनी मां की महक को आधार बनाकर इधर-उधर घूमते हैं।

10. एक बाघ की जंगलों में औसत आयु करीब 11 वर्ष रहती है। ये जानवर रात में शिकार पसंद करता है। बाघ की रात में देखने की क्षमता इंसानों से छह गुना तक ज्यादा होती है।

Web Title: International Tiger Day 2021: interesting 10 facts about Tigers across world

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