लंदन में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव, सबसे पुरानी संसद में हुई पवित्र ग्रंथ की स्थापना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 13, 2019 04:41 PM2019-08-13T16:41:15+5:302019-08-13T16:53:27+5:30
लंदन के अलावा भी ब्रिटेन के कई शहरों में इस महोत्सव का आकर्षण देखा गया। भारतीय प्रवासियों, ब्रिटिश नागरिकों के अलावा दुनिया के अन्य हिस्सों से भी आए लोगों ने महोत्सव में भग्वद् ज्ञान प्राप्त कर अवसर का लाभ उठाया।
इस बार अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की धूम सात समंदर पार रही। लंदन में यह महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। दुनिया की सबसे पुरानी कही जाने वाली यहां की संसद के दोनों सदनों हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमन्स में सनातन धर्म के प्राचीन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता गीता की स्थापना हुई।
गीता को वेदों के सार के रूप में भी जाना जाता है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के जरिये आध्यात्म का अमूल्य ज्ञान गाकर यानी गीत के रूप में पूरे विश्व को दिया था, इसलिए उसे गीता कहा गया।
इसके 18 अध्याय और 700 श्लोकों की ज्ञान गंगा में भारतीय प्रवासियों समेत लंदनवासियों ने पवित्र डुबकी लगाई। पाश्चात्य संस्कृति जी रहे लोगों ने भारत की धरती से उपजे आत्मा और परमात्मा के ज्ञान में आध्यात्मिक उन्नति करने के लिए खूब समय निकाला। लंदन में गीता महोत्सव तीन दिन चला।
महोत्सव का शुभारंभ बीते 9 अगस्त को हुआ था। इस दौरान शहर में पदयात्रा और मत्रोच्चार जैसे अनुष्ठान किए गए।
भारतीय धर्म और संस्कृति का गौरव समेटे यह अनुष्ठान लंदनवासियों के लिए पहला मौका था। महोत्सव के दूसरे दिन यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के लोगान हॉल में बड़ी संख्या लोग उमड़े, जहां गीता के ज्ञान को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
लंदन के अलावा भी ब्रिटेन के कई शहरों में इस महोत्सव का आकर्षण देखा गया। भारतीय प्रवासियों, ब्रिटिश नागरिकों के अलावा दुनिया के अन्य हिस्सों से भी आए लोगों ने महोत्सव में भग्वद् ज्ञान प्राप्त कर अवसर का लाभ उठाया।
लंदन में संपन्न हुए इस महोत्व को सफल बनाने में हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार और कुरुक्षेत्र डिवेलपमेंट बोर्ड की पहल की विशेष पहल और भूमिका रही।
मुख्यमंत्री खट्टर और सूबे के उद्योग मंत्री विपुल गोयल और राज्यपाल सत्य नारायण आर्य समेत करीब 200 लोगों का प्रतिनिधिमंडल इस मौके पर लंदन में मौजूद रहा।
विपुल गोयल ने पवित्र ग्रंथ को सिर पर रखकर पदयात्रा की और कहा, ''हरियाणा सरकार यहां पर गीता के प्रचार का कार्य कर रही है लेकिन हर व्यक्ति ब्रांड एम्बेसडर बनें तो सही मायने में गीता का प्रचार प्रसार होगा और इसके ज्ञान का पूरी मानव जाति को लाभ मिलेगा, विश्व शांति कायम होगी और दुनिया गीता के बताए मार्ग पर ही चल कर तरक्की कर सकती है।''
उन्होंने आगे कहा, ''हम भारतीय हमेशा से वसुधैव कुटुम्बकम की धरणा पर चलने वाले लोग हैं, इसलिए विश्व शांति के लिए गीता का प्रचार-प्रसार अत्यंत आवश्यक है।'' लंदन की संसद में गीता की स्थापना के अनुष्ठान में सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के वाइस चेयरमैन पॉल स्कल्ली के साथ विपुल गोयल ने भी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।