(अभिषेक शुक्ला)
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को निर्देश दिया है कि वह अपने अधिकारियों के ठहरने के लिए पांच सितारा ‘द ललित होटल’ के चयन के लिए अनुबंधों और इसके लिए जारी किये गये बिलों से संबंधित पूरी जानकारी दे।
आरटीआई मामलों में सर्वोच्च निर्णायक निकाय, आयोग ने आईओए को एक ऐसा हलफनामा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया कि उसके पास आईओए अध्यक्ष के ‘ललित सूरी हॉस्पिटेलिटी ग्रुप’ के साथ संबंध, यदि कोई हो, के बारे में कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल द्वारा मांगी गई कोई जानकारी नहीं है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम का उपयोग करते हुए अग्रवाल ने आईओए से अन्य विवरणों के साथ, 2014 से आईओए द्वारा ललित होटल (नई दिल्ली) के साथ विभिन्न उद्देश्यों के लिए किए गए अनुबंधों का पूरा रिकॉर्ड, साथ ही निर्णय को अंतिम रूप देने से संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी। उन्होंने 2014 में आईओए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के ठहरने के लिए होटल के चयन के लिए सभी रिकॉर्ड और अन्य होटलों से प्राप्त प्रतिस्पर्धी अनुमानों की प्रतियां भी मांगी थीं।
अग्रवाल ने 2017-19 के दौरान होटल में आईओए के नाम से जारी किये गए बिल (भुगतान और बकाया) की मांग की थी।
कार्यकर्ता ने 11 नवंबर, 2019 को दायर अपने आरटीआई आवेदन में ‘ललित सूरी हॉस्पिटेलिटी ग्रुप’ के साथ आईओए के तत्कालीन अध्यक्ष के साथ संबंध, यदि कोई हो, के बारे में भी जानकारी मांगी थी।
आईओए ने धारा 8 (1) (डी) का हवाला देते हुए विवरण देने से इनकार कर दिया था जो वाणिज्य से संबंधित जानकारी को नहीं देने की अनुमति देता है। होटल समूह के साथ आईओए अध्यक्ष के संबंधों से जुड़े मुद्दों पर आईओए ने कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सूचना आयुक्त अमिता पांडोव ने कहा कि अधिकारियों के ठहरने के लिए होटल के चयन, होटल के बीच हुए अनुबंधों, प्रतिस्पर्धी बोली और बिलों की जानकारी अग्रवाल को उपलब्ध कराई जाए।
आयोग ने भारतीय ओलंपिक संघ के मौजूदा सीपीआईओ को एक उपयुक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें इस तथ्य को बताया जाये कि आरटीआई आवेदन के बिंदु संख्या 6 (होटल समूह के साथ आईओए अध्यक्ष के संबंध) पर मांगी गई जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं है।
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