बैंकों को अधिकारियों के खिलाफ दर्ज सतर्कता के लंबित मामलों को निपटाने के निर्देश: सीतारमण
By भाषा | Published: December 28, 2019 04:05 PM2019-12-28T16:05:01+5:302019-12-28T16:05:01+5:30
वित्त मंत्री ने जुलाई में पेश अपने पहले बजट भाषण में देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये एमडीआर शुल्क हटाने का प्रस्ताव किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘इसलिये मैं यह प्रस्ताव करती हूं कि 50 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना कारोबार करने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठान अपने ग्राहकों को इस तरह की कम लागत वाले डिजिटल भुगतान के तरीकों की पेशकश करेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंकों को निर्देश दिया कि वह भ्रष्टाचार को लेकर उनके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज सतर्कता संबंधी मामलों का जल्द से जल्द निपटान करें। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि एक जनवरी से भुगतान के कुछ चुनिंदा तरीकों में मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क लागू नहीं होगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि भुगतान के तौर तरीकों को जल्द ही अधिसूचित किया जायेगा।
वित्त मंत्री ने जुलाई में पेश अपने पहले बजट भाषण में देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये एमडीआर शुल्क हटाने का प्रस्ताव किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘इसलिये मैं यह प्रस्ताव करती हूं कि 50 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना कारोबार करने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठान अपने ग्राहकों को इस तरह की कम लागत वाले डिजिटल भुगतान के तरीकों की पेशकश करेंगे।
ऐसा करते समय ग्राहकों और व्यवसायियों पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट अथवा कोई शुल्क नहीं लगाया जायेगा। सीतारमण ने कहा, ‘‘लोग जब इस तरह के डिजिटल भुगतान के तौर तरीकों को अपनाना शुरू कर देंगे तो इस तरह के लेनदेन पर आने वाली लागत को रिजर्व बैंक और बैंक मिलकर वहन करेंगे। बैंकों और रिजर्व बैंक को कम नकदी के रखरखाव और कारोबार से जो बचत होगी उससे डिजिटल भुगतान की लागत का वहन किया जायेगा।’’