बैंकों को किसानों के वैध आवेदन पर दो सप्ताह के भीतर किसान कार्ड जारी करने का निर्देश
By भाषा | Published: June 13, 2019 05:21 AM2019-06-13T05:21:16+5:302019-06-13T05:21:16+5:30
कई किसानों को बैंक रिण की सुविधा के लिए केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने बैंकों को पात्र किसानों के पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन प्राप्त करने के दो सप्ताह के भीतर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी करने का निर्देश दिया है।
कई किसानों को बैंक रिण की सुविधा के लिए केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसने बैंकों को पात्र किसानों के पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन प्राप्त करने के दो सप्ताह के भीतर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी करने का निर्देश दिया है। वर्तमान में, 6.95 करोड़ केसीसी चल रहे हैं, जिसके तहत फसलों के ऋण सब्सिडीप्राप्त ब्याज दर पर दिए जाते हैं। केसीसी का विस्तार पशुपालन और मत्स्य गतिविधियों में शामिल किसानों के लिए भी किया गया है।
कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, डॉली चक्रवर्ती ने बैंकों को लिखे पत्र में कहा, "अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं जिनके पास संस्थागत ऋण तक पहुंच नहीं है, क्योंकि उन्हें केसीसी जारी नहीं किया गया है या पहले जारी किए गए केसीसी डिफ़ॉल्ट / गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के अलावा विभिन्न कारणों से निष्क्रिय थे। सरकार ने इसलिए केसीसी के तहत वित्तीय समावेशन के लिए किसानों को संतृप्त करने का एक अभियान शुरू करने का फैसला किया।" उन्होंने कहा कि अभियान के तहत पात्र किसानों को संबंधित बैंकों द्वारा पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन को जमा कराने के दो सप्ताह के भीतर केसीसी जारी किए जाएंगे। केसीसी जारी करने के लिए किसान आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ सीधे पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र को जमा करने के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।
आम तौर पर, कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत की ब्याज दर लगती है। लेकिन सरकार किसानों को सात प्रतिशत प्रति वर्ष की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान कर रही है। किसानों को नियत तारीख के भीतर ऋणों के शीघ्र पुनर्भुगतान के लिए तीन प्रतिशत का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत रह जाती है। अधिकारी ने कहा कि चूंकि केसीसी से प्राप्त रिण सब्सिडी वाली ब्याज दरों के पात्र होंगे, इसलिए आवेदकों के आधार कार्ड नंबर का विवरण भी रखा जाएगा। अधिकारी ने आगे कहा कि आवेदनों के संग्रह के लिए बैंक गांवों में शिविर लगा सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि केसीसी को उस शाखा से समयबद्ध तरीके से जारी करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा
जहां किसान का पहले से ही खाता है। उन्होंने कहा कि यदि पात्र किसान का कोई बैंक खाता नहीं है, तो उसे ब्लॉक के भीतर उसकी पसंद की किसी भी नजदीकी शाखा में तुरंत खोला जाएगा। अभियान का शुभारंभ राज्य सरकार के सहयोग के साथ वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किया जाएगा। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने सभी बैंकों को बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के किसानों को केसीसी सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोसेसिंग और निरीक्षण शुल्क माफ करने का निर्देश दिया है। अधिकारी ने कहा कि जो किसान पशुपालन और मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों में शामिल हैं, लेकिन उनके पास कोई केसीसी नहीं है, उन्हें सब्सिडीप्राप्त दर पर दो लाख रुपये तक की रिण सीमा के लिए केसीसी प्राप्त करने की पात्रता होगी।