सुदर्शन चैनल के विवादास्पद टीवी शो पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कहा-पहले से रोक की नहीं है व्यवस्था

By भाषा | Published: September 11, 2020 09:12 PM2020-09-11T21:12:28+5:302020-09-11T21:12:28+5:30

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि चैनल ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि प्रस्तावित कार्यक्रम कानून का उल्लंघन नहीं करता है और कार्यक्रम नियमों का उल्लंघन करे तो कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

Information broadcasting ministry said on Sudarshan channel's controversial TV show - there is no system in advance | सुदर्शन चैनल के विवादास्पद टीवी शो पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कहा-पहले से रोक की नहीं है व्यवस्था

सुदर्शन चैनल के सुरेश चव्हाण को विवादित शो पर सरकार की हरी झंडी (फाइल फोटो)

Highlightsसुरेश चव्हाण के नेतृत्व वाले चैनल ने अपने रूख को दोहराया और कहा कि यूपीएससी में मुस्लिमों की कथित ‘‘घुसपैठ’’ पर शुक्रवार को रात आठ बजे ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा।शीर्ष न्यायालय ने ‘बिंदास बोल’ प्रसारित करने से सुदर्शन टीवी पर पहले से रोक लगाने से इनकार कर दिया।मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने चैनल को 28 अगस्त को रात आठ बजे कार्यक्रम के प्रसारण से रोक दिया था।

नयी दिल्ली:  सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सुदर्शन चैनल से यह सुनिश्चित करने कहा है कि उसका शो कार्यक्रमों के लिए निर्धारित संहिता का उल्लंघन नहीं करे। साथ ही उल्लेख किया कि टीवी चैनलों पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम पर प्रसारण से पूर्व रोक की व्यवस्था नहीं है। सुदर्शन चैनल के एक विवादास्पद कार्यक्रम के प्रोमो में ‘‘सरकारी सेवाओं में मुस्लिमों की घुसपैठ को लेकर साजिश पर बड़ा खुलासा’’ करने का दावा किया था।

सुरेश चव्हाण के नेतृत्व वाले चैनल ने अपने रूख को दोहराया और कहा कि यूपीएससी में मुस्लिमों की कथित ‘‘घुसपैठ’’ पर शुक्रवार को रात आठ बजे ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा। पिछले महीने यह कार्यक्रम उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायिक जांच के घेरे में आ गया था। शीर्ष न्यायालय ने ‘बिंदास बोल’ प्रसारित करने से सुदर्शन टीवी पर पहले से रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

शो के प्रोमो को लेकर शिकायतों पर कदम उठाते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सुदर्शन न्यूज को एक नोटिस जारी किया और केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत वर्णित कार्यक्रम संहिता के संदर्भ में शो के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा था। मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने चैनल को 28 अगस्त को रात आठ बजे कार्यक्रम के प्रसारण से रोक दिया था।

अदालत ने चैनल को मंत्रालय के नोटिस पर अपना जवाब देने को कहा था । मंत्रालय के नौ सितंबर की तारीख वाले आदेश में उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी जिक्र किया गया है । आदेश में कहा गया, ‘‘नियम के मुताबिक टीवी चैनलों पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रमों (फिल्मों, फिल्मी गाने या फिल्मी प्रोमो या फिल्म के ट्रेलर, जिन्हें सीबीएफसी से पहले प्रमाणपत्र लेना होता है) पर पहले से रोक की व्यवस्था नहीं है।’’

मंत्रालय ने कहा कि चैनल ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि प्रस्तावित कार्यक्रम कानून का उल्लंघन नहीं करता है और कार्यक्रम नियमों का उल्लंघन करे तो कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

मंत्रालय ने आदेश में कहा, ‘‘मामले में उपरोक्त तथ्यों और स्थिति के संबंध में सुदर्शन चैनल को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनिश्चित करे कि प्रसारित किया जाने वाला प्रस्तावित शो कार्यक्रम संहिता का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं करे । कार्यक्रम द्वारा किसी भी प्रकार का उल्लंघन पाए जाने पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।’’ 

Web Title: Information broadcasting ministry said on Sudarshan channel's controversial TV show - there is no system in advance

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