सिंधु जल वार्ता: भारत ने पाक को अपनी परियोजनाएं प्रावधानों के अनुरूप बताया, कहा- बाढ़ की जानकारी पहले से दे रहे

By भाषा | Published: June 1, 2022 02:45 PM2022-06-01T14:45:18+5:302022-06-01T14:51:25+5:30

भारत और पाकिस्तान ने 30-31 मई के बीच चल रही स्थायी सिंधु आयोग की 118वीं बैठक में सिंधु आयोग की रूपरेखा के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, भारत ने यह भी कहा कि वह जलाशयों से ज्यादा पानी निकलने और बाढ़ के प्रवाह संबंधी जानकारी पहले ही प्रदान कर रहा है।

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सिंधु जल वार्ता: भारत ने पाक को अपनी परियोजनाएं प्रावधानों के अनुरूप बताया, कहा- बाढ़ की जानकारी पहले से दे रहे

Highlightsभारत और पाकिस्तान ने 30-31 मई को स्थायी सिंधु आयोग की 118वीं बैठक की।पाकिस्तान ने भारत से बाढ़ के बारे में पूर्व सूचना देने का अनुरोध किया था।भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि 1960 में हुई थी।

नई दिल्ली:भारत ने स्पष्ट किया है कि उनकी परियोजनाएं पूरी तरह से सिंधु जल संधि के प्रावधानों के अनुरूप हैं और वह स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की बैठक के दौरान पाकिस्तान द्वारा दिये गए सुझावों और मुद्दों के द्विपक्षीय समाधान के लिये प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

भारत और पाकिस्तान ने 30-31 मई के बीच चल रही स्थायी सिंधु आयोग की 118वीं बैठक में सिंधु आयोग की रूपरेखा के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, भारत ने यह भी कहा कि वह जलाशयों से ज्यादा पानी निकलने और बाढ़ के प्रवाह संबंधी जानकारी पहले ही प्रदान कर रहा है।

इससे पहले पाकिस्तान ने भारत से बाढ़ के बारे में पूर्व सूचना देने का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान कोई तकनीकी चर्चा नहीं हुई।

सूत्रों ने बताया कि भारत ने आश्वासन दिया कि संधि के अनुसार सभी चीजें जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी नदियों पर भारत की पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइन पर पाकिस्तान की आपत्तियों के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई ।

सूत्रों ने बताया कि भारत ने आश्वासन दिया कि भारतीय परियोजनाएं पूरी तरह से संधि के प्रावधानों के अनुरूप हैं और वह मुद्दों का समाधन द्विपक्षीय तरीके से निकालने को प्रतिबद्ध है।

पिछली बैठक (117वी बैठक) में पाकिस्तान द्वारा दिये गए सुझावों पर विचार किया जायेगा और अगली बैठक में इस पर चर्चा की जायेगी। दोनों पक्षों ने यह फैसला किया कि सिंधु बेसिन के दोनों ओर आयोग का दौरा बाढ़ के मौसम के समाप्त होने पर आपसी सुविधा के आधार पर तय तिथि को होगा।

इससे पहले मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि भारत और पाकिस्तान ने 30-31 मई को सिंधु आयोग की रूपरेखा के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की तथा संबंधित विषयों का समाधान सिंधु जल संधि के तहत द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से निकालने की प्रतिबद्धता की सराहना की।

बैठक में मंगलवार को दोनों पक्षों ने मार्च 2022 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिये स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की वार्षिक रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया और इस पर हस्ताक्षर किए।

बयान में कहा गया कि, ‘‘बैठक सौहार्दपूर्ण रूप से हुई। आयोग ने समय-समय पर संवाद करने का संकल्प व्यक्त किया।’’ इसमें कहा गया है कि पीआईसी की अगली बैठक दोनों पक्षों की सुविधा के अनुरूप सहमति वाली तारीख को पाकिस्तान में आयोजित करने पर विचार हुआ।

बयान के अनुसार, स्थायी सिंधु आयोग की 118वीं बैठक में भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों ने हिस्सा लिया और यह 30-31 मई 2022 को नयी दिल्ली में हो रही है। इसमें भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व सिंधु जल के लिये भारतीय आयुक्त ए के पाल तथा पाकिस्तानी दल का नेतृत्व सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं।

गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत पूर्वी नदियों सतलुज, ब्यास और रावी में मौजूद पूरे पानी का करीब 3.3 करोड़ एकड़ फुट वार्षिक भारत को दिया गया है जिसका उपयोग वह बिना किसी पाबंदी के कर सकता है।

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