बालिका की उम्र 10 साल है और युवावस्था की ओर अग्रसर, भावनाओं को समझने के लिए माता की अभिरक्षा में होना सर्वोच्च हित में, अदालत ने तलाकशुदा मां के हक में सुनाया फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 23, 2023 01:58 PM2023-05-23T13:58:49+5:302023-05-23T13:59:21+5:30

नाबालिग लड़की की 46 वर्षीय माता के वकील जितेंद्र पुरोहित ने अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रति हासिल करने के बाद मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

indore court ruled in favor divorced mother girl child is 10 years old heading towards puberty best interest custody mother to understand feelings | बालिका की उम्र 10 साल है और युवावस्था की ओर अग्रसर, भावनाओं को समझने के लिए माता की अभिरक्षा में होना सर्वोच्च हित में, अदालत ने तलाकशुदा मां के हक में सुनाया फैसला

भावनाओं को समझने के लिए अपनी माता की अभिरक्षा में होना बालिका के सर्वोच्च हित में है।

Highlightsबालिका की उम्र 10 साल है और वह युवावस्था की ओर अग्रसर है।भावनाओं को समझने के लिए अपनी माता की अभिरक्षा में होना बालिका के सर्वोच्च हित में है।

इंदौरः इंदौर के कुटुम्ब न्यायालय ने 10 वर्षीय बालिका के माता-पिता के बीच तलाक होने के बाद उसे उचित देखभाल के लिए उसकी मां को सौंपने का आदेश पारित किया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि युवावस्था की ओर बढ़ रही लड़की की भावनाओं को समझने के लिए उसका अपनी माता की अभिरक्षा में होना उसके सर्वोच्च हित में है।

नाबालिग लड़की की 46 वर्षीय माता के वकील जितेंद्र पुरोहित ने अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रति हासिल करने के बाद मंगलवार को इसकी जानकारी दी। कुटुम्ब न्यायालय की अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश प्रवीणा व्यास ने 25 अप्रैल को पारित आदेश में कहा,‘‘बालिका की उम्र 10 साल है और वह युवावस्था की ओर अग्रसर है।

ऐसी स्थिति में बालिका के सर्वांगीण विकास और उसकी भावनाओं को समझने के लिए अपनी माता की अभिरक्षा में होना बालिका के सर्वोच्च हित में है।’’ अदालत ने हालांकि अपने आदेश में कहा कि बालिका का पिता उसकी माता की सहमति के आधार पर हर माह शनिवार और रविवार के साथ ही विशेष पर्व-त्योहारों और बालिका के विद्यालय के ग्रीष्मावकाश के दौरान उससे तय अवधि में मुलाकात कर सकेगा।

पुरोहित ने बताया कि बालिका के माता और पिता, दोनों प्रदेश सरकार के राजपत्रित अधिकारी हैं और आपसी विवाद के चलते वर्ष 2021 में उनका तलाक हो चुका है। उन्होंने बताया कि दम्पति के बीच अलगाव के बाद से बालिका अपने पिता के साथ रह रही थी और उसकी मां ने अपनी बेटी की अभिरक्षा हासिल करने के लिए वर्ष 2019 में कुटुम्ब न्यायालय में याचिका दायर की थी।

पुरोहित ने बताया कि अपनी याचिका में महिला अधिकारी ने कहा था कि उसकी नाबालिग बेटी उम्र के नाजुक पड़ाव पर है और उसे माता के रूप में ऐसी महिला साथी की जरूरत है जिसके जरिये वह अपने मन की जिज्ञासाओं को शांत कर सके और शारीरिक बदलावों से भयभीत न होकर सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सके।

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