'इंदिरा गांधी ने हमें सलाखों के पीछे डाला लेकिन…', लालू यादव ने इमरजेंसी के ‘काले दिनों’ पर किया बड़ा खुलासा
By रुस्तम राणा | Updated: June 29, 2024 17:23 IST2024-06-29T17:23:35+5:302024-06-29T17:23:35+5:30
लालू ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कई नेताओं को सलाखों के पीछे डाला, लेकिन उन्हें कभी 'देशद्रोही' नहीं कहा या उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया।

'इंदिरा गांधी ने हमें सलाखों के पीछे डाला लेकिन…', लालू यादव ने इमरजेंसी के ‘काले दिनों’ पर किया बड़ा खुलासा
पटना: राजद प्रमुख लालू यादव ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई 1975 में इमरजेंसी के 'काले दिनों' को याद किया। लालू ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कई नेताओं को सलाखों के पीछे डाला, लेकिन उन्हें कभी 'देशद्रोही' नहीं कहा या उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'मैं 15 महीने से अधिक समय तक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में था,' राजद प्रमुख ने अपने और पत्रकार नलिन वर्मा द्वारा लिखे गए एक लेख "1975 में संघ की चुप्पी" को साझा करते हुए कहा, 'मेरे सहयोगियों और मुझे आज आपातकाल के बारे में बोलने वाले भाजपा के कई मंत्रियों के बारे में नहीं पता था। हमने मोदी, जे पी नड्डा और पीएम के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में नहीं सुना था जो आज हमें स्वतंत्रता के मूल्य पर व्याख्यान देते हैं।'
यहां यह ध्यान देने योग्य है कि यादव उस संचालन समिति के संयोजक थे जिसे जयप्रकाश नारायण ने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गठित किया था। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 21 महीने का आपातकाल लगाया था। इस साल आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ है, जिसे भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे विवादास्पद अवधियों में से एक माना जाता है।
I was the convener of the steering committee that Jayaprakash Narayan—had constituted to carry forward the movement against the excesses of Emergency imposed by the then PM Indira Gandhi. I was in jail under the Maintenance of Security Act (MISA) for over 15 months. My colleagues… pic.twitter.com/9fyThckm01
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 29, 2024
इससे पहले गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया और 'आपातकाल' लगाए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा, "आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अराजकता में डूब गया था, लेकिन राष्ट्र ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी रहा।"
राष्ट्रपति के इस बयान पर कांग्रेस के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रपति से झूठ से भरा भाषण दिलवाकर सस्ती वाहवाही बटोरने का आरोप लगाया। खड़गे ने अपने आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट पर लिखा, "मोदी जी माननीय राष्ट्रपति से झूठ बोलवाकर सस्ती वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे भारत की जनता 2024 के चुनावों में पहले ही नकार चुकी है।"