अफ्रीका में भारत के प्रयासों में परस्पर लाभ का विचार, स्थानीय स्वामित्व को बढ़ावा: जयशंकर

By भाषा | Updated: July 13, 2021 19:43 IST2021-07-13T19:43:25+5:302021-07-13T19:43:25+5:30

India's efforts in Africa consider mutual benefit, encourage local ownership: Jaishankar | अफ्रीका में भारत के प्रयासों में परस्पर लाभ का विचार, स्थानीय स्वामित्व को बढ़ावा: जयशंकर

अफ्रीका में भारत के प्रयासों में परस्पर लाभ का विचार, स्थानीय स्वामित्व को बढ़ावा: जयशंकर

नयी दिल्ली, 13 जुलाई विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि अफ्रीका में भारत की पहलों को इस तरह से अमल में लाया गया है कि अफ्रीका वासियों की प्राथमिकताओं का ध्यान रखा जाए और इसके साथ ही स्थानीय स्वामित्व को बढ़ावा देते हुए परस्पर लाभ और क्षमताओं पर भी विचार किया गया है।

जयशंकर ने कहा कि इस तरह के प्रयासों की वजह से संबंधों में एक विशिष्ट स्तर का विश्वास दिखाई देता है जो आगे की चुनौतियों से निपटने की दिशा में और अधिक महत्वपूर्ण है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका की साझेदारी पर सीआईआई-एक्जिम के 16वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अनेक तटीय अफ्रीकी राज्यों के सामने आने वाले गैर-परंपरागत खतरों में वृद्धि को देखते हुए समुद्री सुरक्षा में अफ्रीका के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम कोविड महामारी से उबरने के लिए काम कर रहे हैं तो यह साझेदारी और भी अधिक खास हो जाती है।’’

जयशंकर ने कहा कि अफ्रीका के साथ भारत की साझेदारी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित कंपाला सिद्धांतों से निर्देशित है। उन्होंने कहा कि भारत की गतिविधियां और पहल अफ्रीका की जरूरतों तथा उसके लोगों की प्राथमिकताओं की जरूरतों के हिसाब से तैयार की गयी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें स्थानीय स्वामित्व को बढ़ावा देते हुए परस्पर क्षमताओं और लाभों पर विचार किया गया है। इसके परिणाम स्वरूप हम विश्वास का विशिष्ट स्तर देखते हैं जो आगे आने वाली चुनौतियों को देखते हुए अधिक महत्वपूर्ण है।’’

विदेश मंत्री के ये वक्तव्य इस लिहाज से महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं कि भारत परंपरागत रूप से अफ्रीका महाद्वीप का करीबी साझेदार रहा है, लेकिन चीन पिछले कुछ सालों से इस संसाधन संपन्न क्षेत्र में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ा रहा है।

जयशंकर ने कहा कि कोविड के बाद के परिदृश्य में अफ्रीका के संबंध में भारत की सहयोगात्मक गतिविधियों में चार क्षेत्र प्रमुख रहेंगे जिनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य, डिजिटल आपूर्ति, कौशल और क्षमता निर्माण तथा हरित अर्थव्यवस्था हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘एक धरती एक स्वास्थ्य’ का आह्वान हमारी सतत प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करता है। अफ्रीका के अनेक राष्ट्रों को दवाओं तथा टीकों की आपूर्ति से यह बात स्पष्ट हुई है।

अफ्रीका के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग में भारत के लंबे इतिहास का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि और अधिक समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए इस सहयोग को भी नया कलेवर दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों में हमारी सहभागिता काबिलेगौर रही है। इसमें मोजांबिक में तूफान इडाई के दौरान के सहयोग का उदाहरण दिया जा सकता है।

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