क्षेत्रीय शक्ति बनने की भारत आकांक्षा उधार में ली गई ताकत पर निर्भर नहीं रह सकती: जनरल रावत
By भाषा | Published: August 27, 2021 09:19 PM2021-08-27T21:19:32+5:302021-08-27T21:19:32+5:30
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्रीय शक्ति बनने की भारत की आकांक्षा ‘उधार में ली गई ताकत’ पर निर्भर नहीं रह सकती और राष्ट्र को युद्ध जीतने के लिए स्वदेशी हथियारों तथा तकनीक की जरूरत होगी। इलेक्ट्रॉनिकी एवं दूरसंचार अभियंताओं के संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा वाणिज्य उद्योग के पारिस्थितिकी तंत्र की प्रकृति ऐसी है जिससे रक्षा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता बाधित होती है। जनरल रावत ने कहा, “यदि हमें भविष्य के युद्ध लड़ने और जीतने हैं तो हम आयात पर निर्भर नहीं रह सकते। इसलिए आगे का रास्ता स्वदेशीकरण का है और सशस्त्र सेनाओं में हम इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा, “क्षेत्रीय शक्ति बनने की हमारे देश की आकांक्षा उधार में ली गई ताकत पर निर्भर नहीं रह सकती… भारत को अपने युद्धों को भारतीय तरीकों से लड़ना होगा।” प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने कहा कि सूचना की व्यापकता और प्रौद्योगिकी में हो रहे परिवर्तन युद्ध के मूल चरित्र को बदल रहे हैं और ऐसे तरीकों का इजाद कर रहे हैं जिनसे बिना आमने-सामने लड़े युद्ध किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहना चाहिए।
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