भारतीय अनुसंधानकर्ताओं ने एचआईवी को सक्रिय होने से रोकने के लिए ‘नैनो एंजाइम’ विकसित किया
By भाषा | Updated: April 1, 2021 19:16 IST2021-04-01T19:16:32+5:302021-04-01T19:16:32+5:30

भारतीय अनुसंधानकर्ताओं ने एचआईवी को सक्रिय होने से रोकने के लिए ‘नैनो एंजाइम’ विकसित किया
बेंगलुरु, एक अप्रैल भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में अनुसंधानकर्ताओं ने कृत्रिम एंजाइम विकसित किया है, जो प्रतिरक्षी कोशिका में एचआईवी को सक्रिय होने से सफलतापूर्वक रोक सकता है।
आईआईएससी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि वेनाडियम पेटोक्साइड नैनोशीट्स से बने ये ‘नैनो एंजाइम’ प्राकृतिक एंजाइम ग्लूटाथिओन परऑक्सिडेज की तरह काम करते हैं। यह वाहक की कोशिका में ऑक्सीडेटिव का दबाव स्तर घटाते हैं और वायरस की रोकथाम के लिए यह जरूरी है।
यह अध्ययन ‘इंबो मॉलिक्यूलर मेडिसीन’ में प्रकाशित हुआ है। एसोसिएट प्रोफेसर अमित सिंह और इनऑर्गेनिक एंड फिजिकल केमिस्ट्री में प्रोफेसर गोविंदसामी मुगेश ने यह अध्ययन किया है।
मुगेश ने कहा, ‘‘फायदा यह है कि जैविक सिस्टम में नैनोजाइम्स स्थिर रहते हैं और कोशिका के भीतर किसी प्रकार की अवांछित प्रतिक्रिया नहीं करते।’’
बयान के मुताबिक फिलहाल किसी मरीज के शरीर से ह्यूमन इम्युनोडेफिसियंसी वायरस (एचआईवी) को पूरी तरह खत्म करने का कोई उपाय नहीं है।
एचआईवी रोधी औषधि केवल वायरस का असर कम कर सकते हैं लेकिन संक्रमित कोशिका से एचआईवी नष्ट नहीं हो पाता। प्रतिरक्षा कोशिका के भीतर वायरस सुरक्षित स्थान पर कायम रहता है।
बयान में कहा गया कि कोशिका के भीतर हाइड्रोजन परऑक्साइड जैसे जहरीले कण का स्तर बढ़ने से ऑक्सीडेटिव का दबाव भी बढ़ जाता है और वायरस फिर से सक्रिय हो जाता है।
अमित सिंह की टीम ने कुछ साल पहले एचआईवी संक्रमित कोशिका में ऑक्सीडेटिव दबाव का आकलन करने के लिए एक बायोसेंसर तैयार किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि एचआईवी को फिर से सक्रिय होने के लिए बहुत कम ऑक्सीडेटिव दबाव की जरूरत होती है।
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