हवाई जहाज की तरह रेलगाड़ियों में दी जाएगी ये सुविधा, मोदी सरकार बना रही है प्लान
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 18, 2018 02:12 AM2018-06-18T02:12:48+5:302018-06-18T02:12:48+5:30
रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि विमानन कंपनियों के साथ बराबरी करने के लिए रेलवे अपनी सुविधाओं में सुधार कर रहा है और ट्रेनों में बायो टॉयलेट की जगह आधुनिक टॉयलेट लगाना इसी योजना का हिस्सा है।
नई दिल्ली, 18 जूनः भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार कोशिशों में जुटी हुई है। अब वह हवाई जहाजों की तरह रेलगाड़ियों में वैक्यूम बायो टॉयलेट लगाने पर विचार कर रही है। यह जानकारी रेल मंत्री पियूष गोयल ने एक इंटरव्यू के दौरान कही है। अगर ऐसा होता है रेलवे स्टेशन साफ-सफाई के मामले में बेहतर हो सकते हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि विमानन कंपनियों के साथ बराबरी करने के लिए रेलवे अपनी सुविधाओं में सुधार कर रहा है और ट्रेनों में बायो टॉयलेट की जगह आधुनिक टॉयलेट लगाना इसी योजना का हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा है कि हम विमानों की भांती ट्रेनों में भी प्रायोगिक तौर पर वैक्यूम बायो टॉयलेट लगा रहे हैं। करीब 500 वैक्यूम बायो टॉयलेटों का आर्डर दिया गया है। यह प्रयोग सफल होने पर मैं रेलगाड़ियों में लगे सभी 2.5 लाख बायो टॉयलेट को बदलकर वैक्यूम बायो टॉयलेट लगाने के लिए पैसा खर्च करने को तैयार हूं।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 31 मई तक 37,411 डिब्बों में 1,36,965 बायो टॉयलेट लगाए गए हैं। प्रत्येक टॉयलेट पर करीब एक लाख रुपये की लागत आयी थी। मार्च 2019 तक करीब 18,750 और डिब्बों में बायो टॉयलेट लगाए जाने की योजना है। इसी के साथ भारतीय रेलवे के सभी डिब्बों में इस तरह के टॉयलेट लग जाएंगे। इसपर करीब 250 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
मंत्री गोयल ने कहा कि मार्च 2019 तक 100 प्रतिशत रेलगाड़ियों में बायो टॉयलेट लग चुके होंगे जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। रेल की पटरियां साफ होंगी, बदबू नहीं होगी और पटरियों के नवीकरण का भार भी कम होगा।”
उन्होंने बताया कि प्रति इकाई 2.5 लाख रुपये की लागत से तैयार होने वाले वैक्यूम टॉयलेट बदबू रहित होंगे। इसमें मौजूदा टॉयलेट के मुकाबले पानी का इस्तेमान पांच प्रतिशत कम होगा और इसके अवरुद्ध होने का अंदेशा भी बहुत कम होगा।
(खबर इनपुट-भाषा)