रेल मंत्री पीयूष गोयल बोले- रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय, 6 साल बाद ट्रेन सफर में पुराना एहसास

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 30, 2020 02:19 PM2020-11-30T14:19:38+5:302020-11-30T14:25:09+5:30

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय रेलवे अब देश भर के हर रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ (मिट्टी के कप) में चाय परोसने की योजना बना रहा है। यह रोजगार भी पैदा करेगा। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने में हम सभी को आगे आना होगा।

indian railway plan to serve tea in kulhad banned plastic cups every stations piyush goyal environment friendly | रेल मंत्री पीयूष गोयल बोले- रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय, 6 साल बाद ट्रेन सफर में पुराना एहसास

पीयूष गोयल ने कहा कि पहल प्लास्टिक मुक्त भारत की दिशा में रेलवे का योगदान होगा। (file photo)

Highlightsविद्युतीकरण से यहां से दिन रात चलने वाली मालगाड़ियों के खर्च को कम कर पाएंगे।देशभर की रेलवे लाइन का शत प्रतिशत विद्युतीकरण करेंगे।खादी ग्रामोद्योग विभाग के लोगों ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्य को गति दी है।

जयपुरः रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि फिर से देश भर के स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय मिलेगी। पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक कप को बैन कर दिया गया है। 

पीयूष गोयल ने कहा कि देश को प्लास्टिक मुक्त करना है। इसमें रेलवे का योगदान अहम है। अब भारत भर के सभी रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक के कपों के स्थान पर पर्यावरण के अनुकूल 'कुल्हड़' (मिट्टी के कप) में चाय बेची जाएगी। राजस्थान के अलवर जिले के ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, पीयूष गोयल ने कहा कि पहल प्लास्टिक मुक्त भारत की दिशा में रेलवे का योगदान होगा।

गोयल ने कहा, ‘‘आज देश में लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है। आगे चलकर हमारी योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय बिकेगी.. प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा। इससे लाखों भाई बहनों को रोजगार मिलता है।’’ जब 2014 में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आयी तब तक कुल्हड़ गायब हो गये और प्लास्टिक के कप में चाय मिलनी शुरू हो गयी।

वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है

पीयूष गोयल ने आगे कहा कि ‘‘मैं अभी कुल्हड़ में चाय पी रहा था.. वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है.... और पर्यावरण को भी आप बचाते हो।’’ लाखों लोगों को इससे रोजगार मिलता है। गोयल ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले, राजस्थान में रेलवे क्षेत्र की अनदेखी की गई थी, क्योंकि दिल्ली-मुंबई मार्ग के विद्युतीकरण के बाद पिछले 30 वर्षों में विद्युतीकरण नहीं हुआ था।

पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्थान में रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में निवेश 2014-2020 के बीच कई गुना बढ़ गया है। पीयूष गोयल ने कहा कि 2009-14 से 65 अंडरपास का निर्माण किया गया था जबकि 378 अंडरपास का निर्माण 2014- सितंबर 2020 से किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विकास का लाभ देश के हर कोने तक हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। गोयल ने कहा कि राजस्थान में 2009 से 2014 के बीच पांच वर्ष में रेलवे के 65 अंडरपास बने थे जबकि 2014 से 2020 के बीच छह गुना अधिक 378 अंडरपास बनाये गये।

2009 से 2014 के बीच रोड ओवरब्रिज पांच साल में मात्र चार बने थे

उन्होंने कहा कि इसी तरह 2009 से 2014 के बीच रोड ओवरब्रिज पांच साल में मात्र चार बने थे वहीं 2014 से 2020 के बीच 30 रोड ओवरब्रिज बने। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से सात नई लाइनों पर काम चल रहा है। इस अवसर पर रेल मंत्री ने 34 किलोमीटर के नए विद्युतीकृत ढिगावड़ा-बांदीकुई रेल खंड पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि देश भर में रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण से पर्यावरण को बचाया जा सकेगा, क्योंकि देश में उत्पादित बिजली, ईंधन, धन और समय की बचत होगी। इसके अलावा, ट्रेनों की गति भी बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह उन किसानों को भी मदद करेगा जो कम समय में अपनी फसलों को देश के किसी भी हिस्से (रेल माल परिवहन के माध्यम से) में ले जा सकेंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम मोदी पर्यावरण को लेकर बहुत चिंतित हैं और इसलिए विद्युतीकरण पर जोर दिया जा रहा है।

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