भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा, चौथा पनडुब्बी रोधी टोही युद्धपोत शामिल, जानिए खासियत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 19, 2020 06:26 PM2020-02-19T18:26:24+5:302020-02-19T18:26:24+5:30
अधिकारी ने बताया कि कोलकाता स्थित जीआरएसई ने प्रोजेक्ट 28 के तहत चार पनडुब्बी रोधी टोही युद्धपोत (एएसडब्ल्यूसी) की सीरीज में अंतिम युद्धपोत कवरत्ती का निर्माण किया है।
रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) ने भारतीय नौसेना को चौथा पनडुब्बी रोधी टोही युद्धपोत सौंपा।
एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता स्थित जीआरएसई ने प्रोजेक्ट 28 के तहत चार पनडुब्बी रोधी टोही युद्धपोत (एएसडब्ल्यूसी) की सीरीज में अंतिम युद्धपोत कवरत्ती का निर्माण किया है। जीआरएसई के एक अधिकारी ने बताया कि सीरीज के पहले तीन युद्धपोतों की आपूर्ति पहले की जा चुकी है जो भारतीय नौसेना के ईस्टर्न फ्लीट का एकीकृत हिस्सा हैं।
इनमें आईएनएस कामोरता, आईएनएस कदमत्त और आईएनएस किल्तान हैं। अधिकारी के अनुसार ये युद्धपोत मलेशिया, सिंगापुर तथा अन्य देशों में कई समुद्री अभियानों तथा अंतरराष्ट्रीय समुद्री प्रदर्शनियों में शामिल रहे हैं। प्रोजेक्ट 28 को 2003 में मंजूरी दी गयी थी।
इसके तहत निर्मित टोही युद्धपोतों का नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के टापुओं के नाम पर रखा गया है। अधिकारी ने बताया कि आईएनएस किल्तान ने हाल ही में प्रतिष्ठित मालाबार 2019 युद्धाभ्यास में भाग लिया था जिसमें भारत-जापान-अमेरिका की नौसेनाओं ने सहयोग बढ़ाने के लिए अभ्यास किया था।