हिन्द महासागर में घुसे चीनी नौसेना के 3 युद्धपोत, भारतीय नौसेना ने ऐसे दिया करारा जवाब
By रामदीप मिश्रा | Published: April 18, 2018 02:17 PM2018-04-18T14:17:46+5:302018-04-18T14:17:46+5:30
चीनी नौसेना भारत के इर्द-गिर्द अहम समुद्री मार्गों में अपना प्रभाव फैलाने की कोशिश में जुटी है।
नई दिल्ली, 18 अप्रैलः भारत और चीन के संबंधों में पिछले कुछ दिनों से खटास बढ़ती जा रही है। चीन जिस तरह का कदम उठा रहा है उसी भाषा में भारत जवाब दे रहा है। ताजा मामला मंगलवार का है, जिसमें चीन के 3 युद्धपोत हिन्द महासागर में दिखाई दिए। इसके बाद हर कोई हैरान रह गया। हालांकि भारतीय नौसेना ने चीन को एक नए अंदाज में जवाब दिया है।
भारतीय नौसेना ने ट्वीट कर ट्वीट कर कहा कि हिन्द महासागर के क्षेत्र में चीन की 29वीं एंटी पाइरसी एस्कॉर्ट फोर्स का स्वागत है। हैपी हंटिंग। चीन पिछले कुछ समय से हिन्द महासागर में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है, जिसकी वजह से वह इस तरह की हरकतें करता रहता है।
#MaritimeDomainAwareness@indiannavy extends a warm welcome to the 29th Anti-Piracy Escort Force (APEF) of PLA(N) in Indian Ocean Region (IOR). Happy Hunting @SpokespersonMoD@DefenceMinIndia@IAF_MCC@adgpi@IndiaCoastGuard@IndianDiplomacypic.twitter.com/7NTW4TwQuW
— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 17, 2018
भारतीय नौसेना ने चीन के स्वागत ट्वीट के बाद एक अन्य ट्वीट किया। इस ट्वीट में उसने अपने वॉरशिप्स की तैनाती का नक्शा दिखाया। भारतीय नौसेना ने बताया कि अरब की खाड़ी से मलक्का स्ट्रेट और उत्तर में बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी हिंद महासागर तक और अफ्रीका के पूर्वी छोर तक हम 24 घंटे निगरानी करते हैं। इसके लिए भारतीय नौसेना 50 शिप के जरिए अपने एरिया को हर समय सुरक्षित रखने में सक्षम है।
#MissionBasedDeployments From Persian Gulf to Malacca Straits & from Northern Bay of Bengal to Southern Indian Ocean to East coast of Africa @indiannavy with 50 ships on vigil 24X7 keep our Area of Responsibility (AOR) safe. @indiannavy Anytime, Anywhere Everytime @nsitharamanpic.twitter.com/rxmBAed5Sa
— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 17, 2018
इधर, तीन दशकों में अपने सबसे बड़े अभ्यास के तहत वायुसेना हिन्द महासागर क्षेत्र के समूचे विस्तारित इलाके पर वर्चस्व के वास्ते अपनी क्षमता को परखने के लिए विशाल युद्धाभ्यास कर रही है, जिसमें उसके अग्रिम लड़ाकू जेट विमान भी हिस्सा ले रहे हैं। 'गगन शक्ति' नामक इस अभ्यास में ब्रह्मोस और हार्पून जहाज रोधी मिसाइलों से लैस वायुसेना के सुखोई और जगुआर जंगी विमानों ने किसी भी प्रकार के अभियान के वास्ते अपनी रणनीतिक पहुंच और क्षमता प्रदर्शित की।
वायुसेना पश्चिमी और पूर्वी दोनों समुद्री क्षेत्रों में समुद्री युद्ध की अवधारणा का प्रभावी तरीके से अभ्यास कर रही है। इसका लक्ष्य हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के हित वाले क्षेत्र में किसी भी दुश्मन के दुस्साह पर अंकुश भी लगाना है। चीनी नौसेना भारत के इर्द-गिर्द अहम समुद्री मार्गों में अपना प्रभाव फैलाने की कोशिश में जुटी है। गगन शक्ति अभ्यास आठ अप्रैल को शुरू हुआ था। वायुसेना नौसेना के समर्थन में यह अभ्यास कर रहा है।