कोरोना वायरस की फैलती महामारी की वजह से दुनिया में अलग-थलग पड़े भारतीय देश लौटने की आस में मदद का इंतजार कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा कई देशों से भारतीय नागरिकों को लाने की व्यवस्था पहले की जा चुकी है। अभी खाड़ी देशों में कई भारतीय फंसे हुए हैं जिन्हें वापस नहीं लाया जा सका है। भारत सरकार अब इन लोगों के भी लौटने की व्यवस्था लगभग पूरी कर चुकी है। इनको वापस लाने के लिए नेवी (Indian Navy) को तैयार किया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरकार भारतीय नागरिकों को खाड़ी देशों से निकालने की योजना बना चुकी है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना खाड़ी देशों से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए अपने लैंडिंग प्लेटफॉर्म युद्धपोत आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) और दो मगर श्रेणी के युद्धपोतों को स्टैंडबाई मोड पर रखी है। आईएनएस जलाश्व फिलहाल विशाखापत्तनम से बाहर है, वहीं मगर श्रेणी के युद्धपोत पश्चिमी समुद्री तट पर हैं। दोनों ही युद्धपोत फिलहाल स्टैंडबाई मोड पर हैं। सरकार की तरफ से आदेश मिलते ही दोनों युद्धपोत खाड़ी देश के लिए निकल पड़ेंगे। सरकार ने इन युद्धपोतों को कुछ दिनों के भीतर खाड़ी देशों में जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। आईएनएस जलाश्व के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों को निकाला जा सकता है।
खाड़ी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को लाने के लिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से किया था अनुरोध
केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ से जुड़े सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खाड़ी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को निजी विमानों से वापस लाने का अनुरोध किया था। यूडीएफ के संयोजक बेन्नी बेहनन ने कहा कि पार्टी नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा था । राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ए के एंटनी और राज्य से लोकसभा के 19 सदस्यों सहित यूडीएफ सांसदों ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार खाड़ी देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को लाने के लिए कदम नहीं उठा रही है । लोकसभा सदस्य बेहनन ने कहा कि लगभग सभी देशों ने अपने-अपने नागरिकों को अपने वतन लाने के लिए निजी उड़ानों की व्यवस्था की । चालाकुडी के सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि खाड़ी देशों में केरलवासियों सहित लाखों भारतीय फंसे हुए हैं। शिविरों में भी श्रमिकों को खाने-पीने और दवा संबंधी दिक्कतें हो रही हैं । बेहनन ने कहा कि श्रमिक शिविरों में ज्यादा लोगों के रहने की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है । उन्होंने कहा, ‘‘अगर निजी उड़ान सेवाओं की अनुमति दी जाती है तो कोरोना वायरस के संक्रमण के इस मुश्किल समय में अनेक भारतीय अपने वतन आ सकेंगे। ’’